इंसान की बातें करें

नूतन वर्ष की प्रथम रचना


सृजन का संकल्प लें,
निर्माण की बातें करें।
कामनाएं शुभ करें,
कल्याण की बातें करें।


जन्म लेता है उजाला,
हर तमस के गर्भ से,
क्यों नही तब आज स्वर्ण-
विहान की बातें करें।


अनुकरण उनका करें जो,
विश्व के आदर्श हैं,
न्याय के पथ पर चलें,
ईमान की बातें करें।


हृदय में हो नेहपूरित-
भावना सबके लिए,
यों परस्पर मान की,
सम्मान की बातें करें।


बढ़ चले हैं राह पर,
अब पग नहीं पीछे हटें,
प्रगति के सोपान की,
उत्थान की बातें करें।


है प्रकृति का नेह हम पर,
जान लें पहचान लें,
दृष्टि वैसी दे सके,
उस ज्ञान की बातें करें।


बात तो करते रहे हैं,
हम सदा भगवान की,
अब चलो ऐसा करें,
इंसान की बातें करें।

                                 -महेन्द्र वर्मा