शाश्वत शिल्प
विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति
(Move to ...)
Home
▼
औपनिषदिक ब्रह्म और ऊर्जा
›
उपनिषदों में ब्रह्म की अवधारणा एक दार्शनिक अवधारणा है, धार्मिक अवधारणा नहीं । वेदों के संहिता खंड में बहुत सी प्राकृतिक शक्तियों के लि...
2 comments:
पांच सुरों का सौंदर्य
›
ज्योति कलश छलके, हुए गुलाबी लाल सुनहरे रंग दल बादल के..... यह एक पुरानी फ़िल्म का गीत है । यह गीत आपको आज भी अच्छा लगता होगा...
7 comments:
सप्ताह के दिनों का नामकरण - कब, कहां, कैसे ?
›
समय की गणना के लिए सप्ताह एकमात्र ऐसी इकाई है जो किसी प्राकृतिक घटना पर आधारित नहीं है । समय की अन्य सभी इकाइयां जैसे, वर्ष, महीना, दि...
5 comments:
ददरिया में विविध ताल-शैलियों का प्रयोग
›
छत्तीसगढ़ में आज से 40-50 साल पहले तक ददरिया गीत अपने मौलिक स्वरूप में विद्यमान था । इस मौलिक रूप की कुछ विशेषताएं थीं- खेतों में काम ...
1 comment:
प्राचीन उन्नत सभ्यताओं का ऐसा पतन !
›
विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में सिंधु घाटी, मिस्र, मेसोपोटामिया, बेबीलोन, यूनान और सुमेर की सभ्यताएं सबसे अधिक विकसित थीं । 3-4 ह...
2 comments:
परंपरागत ज्ञान और आधुनिक विज्ञान
›
आज से हज़ारों वर्ष पूर्व जब मनुष्य ने प्राकृतिक घटनाओं को समझना प्रारंभ किया तब उसके पास पर्याप्त ज्ञान नहीं था । इसलिए उसने अनुमान के आ...
2 comments:
धर्म और विज्ञान
›
प्रकृति ने मनुष्य को स्वाभाविक रूप से तार्किक बुद्धि प्रदान की है । मनुष्य की यह क्षमता लाखों वर्षों की विकास यात्रा के दौरान विकसित ह...
5 comments:
भविष्य के संकटों का तारणहार विज्ञान ही है
›
दुनिया भर के वैज्ञानिक बार-बार यह चेतावनी देते रहे हैं कि निकट भविष्य में पृथ्वी पर जीवन के लिए बुनियादी आवश्यकताओं- शुद्ध वायु, जल और...
3 comments:
‹
›
Home
View web version