शाश्वत शिल्प
विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति
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समर भूमि संसार है
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दुख के भीतर ही छुपा, सुख का सुमधुर स्वाद, लगता है फल, फूल के, मुरझाने के बाद। हो अतीत चाहे विक...
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सात दोहे
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जल से काया शुद्ध हो, सत्य करे मन शुद्ध, ज्ञान शुद्ध हो तर्क से, कहते सभी प्रबुद्ध। धरती मेरा गाँव है, मानव मेरा मीत, सारा जग परिवार है, गा...
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आवश्यक है वैज्ञानिक समझ विकसित करना
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पिछले दिनों गोवा की राजधानी पणजी में सातवाँ ‘भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव’ संपन्न हुआ । सन् 2015 से प्रारंभ हुए इस महत्वपूर्ण आयोजन का...
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प्रकृति भली जग की जननी है
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(किशोरों के लिए गीत ) प्रकृति भली, जग की जननी है । सब प्राणी को देती जीवन यह रचती नदिया-पर्वत-वन, भाँति -भाँति के अन्न-फूल-फल ...
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सूर्य से दीये तक - अग्नि की वैश्विक यात्रा
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दीप कैसा हो कहीं हो, सूर्य का अवतार है यह जल गया है दीप तो अँधियार ढल कर ही रहेगा दीप के लिए अभिव्यक्त कवि नीरज की इन सरल-सहज पंक्तियों ...
सत्य हुआ असमर्थ
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जंगल तरसे पेड़ को, नदिया तरसे नीर, सूरज सहमा देख कर, धरती की यह पीर । मृत-सी है संवेदना, निर्ममता है शेष, मा...
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विदेशी साज पर देशी राग
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भारतीय शास्त्रीय संगीत की दोनों पद्धतियों, हिंदुस्तानी और कर्नाटक संगीत में एकल वाद्य-वादन का उतना ही महत्वपूर्ण स्थान है जितना एकल गायन क...
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हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत - परंपरा और प्रयोग
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शास्त्रीय संगीत कई सदियों से भारत की संस्कृति का हिस्सा रहा है और आज भी है। सामगायन से प्रारंभ हुई यह परंपरा भारत की सांस्कृतिक एकता का ...
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