शाश्वत शिल्प
विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति
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शिशु ने नामकरण किया मां-बाबा का
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सभी जीवों के साथ-साथ मनुष्यों के जीवन के लिए हवा के बाद पानी दूसरा महत्वपूर्ण पदार्थ है । पानी के लिए दुनिया की विभिन्न भाषाओं में अ...
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वह जो जानता था अनंत को
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( श्रीनिवास रामानुजन् की सौवीं पुण्यतिथि पर विशेष) “ प्रतिभा और योग्यता प्रायः विषम परिथितियों में ही व...
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ममतामयी प्रकृति
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कभी छलकती रहती थीं , बूँदें अमृत की धरती पर, दहशत का जंगल उग आया , कैसे अपनी धरती पर । सभी मुसाफिर इस सराय के , आते...
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तीन सौ धर्मों के तीन सौ ईश्वर
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प्रकृति और उसकी शक्तियाँ शाश्वत हैं । मनुष्य ने सर्वप्रथम प्राकृतिक शक्तियों को ही विभिन्न देवताओं के रूप में प्रतिष्ठित किया । मनुष...
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भूतविद्या, मनोरोग और अंधविश्वास
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पिछले दिनों भूतविद्या समाचार पत्रों की सुर्खियाँ बनी रही । कुछ ने इसे भूत-प्रेत से संबंधित बताया तो कुछ ने इसे मनोचिकित्सा से संबंधित ...
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खुला मस्तिष्क या बंद मस्तिष्क
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क्या आपको किसी ने कभी कहा है कि ‘ज़रा खुले दिमाग़ से सोचो’ या क्या यही बात आपने किसी से कभी कही है ? इस बात से ऐसा लगता है कि सोचने वाल...
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