शाश्वत शिल्प
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जा जा रे अपने मंदिरवा-पं. जसराज
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पं. जसराज (28 जनवरी, 1930-17 अगस्त, 2020) संगीत मार्तण्ड पंडित जसराज ...
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भारत की संत परंपरा - तब और अब
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भारत सदा से संतों की भूमि रहा है । आज भी संत उपाधि धारण करने वाले अनेक हैं किंतु इनकी विशेषताएं अतीत के संतों से नितांत भिन्न परिलक्षित होती...
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हिन्दी साहित्य के संगीतमय गीत
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गीत-संगीत किसे अच्छा नहीं लगता ! यदि गीत किसी प्रख्यात साहित्यकार का हो जिसे संगीतबद्ध कर गाया गया हो तो ऐसी रचना सहसा ध्यान आकर्...
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शिशु ने नामकरण किया मां-बाबा का
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सभी जीवों के साथ-साथ मनुष्यों के जीवन के लिए हवा के बाद पानी दूसरा महत्वपूर्ण पदार्थ है । पानी के लिए दुनिया की विभिन्न भाषाओं में अ...
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वह जो जानता था अनंत को
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( श्रीनिवास रामानुजन् की सौवीं पुण्यतिथि पर विशेष) “ प्रतिभा और योग्यता प्रायः विषम परिथितियों में ही व...
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ममतामयी प्रकृति
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कभी छलकती रहती थीं , बूँदें अमृत की धरती पर, दहशत का जंगल उग आया , कैसे अपनी धरती पर । सभी मुसाफिर इस सराय के , आते...
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