महाकवि तुलसीदास

जगत जननि दामिनि दुति माता




गोस्वामी तुलसीदास जी विश्ववंद्य संत कवि हैं। इन्हें महाकवि बाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है। इनका जन्म संवत 1532 में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के राजापुर गांव में हुआ था। पत्नी रत्नावली के द्वारा उलाहना दिए जाने पर इन्होंने गृह त्याग दिया। 14 वर्षों तक ये भारत के विभिन्न तीर्थ स्थलों का भ्रमण करते रहे। हनुमान जी की कृपा से उन्हें भगवान श्रीराम के दर्शन हुए और उसके बाद तो उन्होंने सारा जीवन श्रीराम की भक्ति में बिताया। तुलसीदास जी ने 12 पुस्तकें लिखी जिनमें श्री राम चरित मानस संसार भर में प्रसिद्ध है। दूसरी प्रसिद्ध रचना है-विनय पत्रिका। तुलसीदास जी कुछ समय अयोध्या में रहने के बाद वाराणसी आ गए थे। उुन्होंने वाराणसी के असीघाट पर संवत 1623 में अपने प्राण का विसर्जन किया।
नवरात्रि के पावन अवसर पर प्रस्तुत है गोस्वामी तुलसी दास जी विरचित श्री रामचरित मानस से उद्धरित मां दुर्गा की पावन स्तुति-

जय जय गिरिबरराज किसोरी,
जय महेस मुख चंद चकोरी।
जय गजवदन षडानन माता,
जगत जननि दामिनि दुति माता।
नहि तव आदि मध्य अवसाना,
अमित प्रभाउ बेदु नहीं जाना।
भव भव विभव पराभव कारिनि,
बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि।
पतिदेवता  सुतीय  महुं ,  मातु  प्रथम  तव  रेख।
महिमा अमित न सकहि कहि, सहस सारदा सेष।
सेवत तोहि सुलभ फल चारी,
बरदायनी पुरारि पिआरी।
देवि पूजि पद कमल तुम्हारे,
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे।


12 comments:

  1. बहुत ही पावन उपहार... नवरात्रि पर!!

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  2. बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
    नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!

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  3. शुभकामनाएं और बधाई!

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  4. सुख वर्षा करती पोस्‍ट.

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  5. बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!

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  6. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
    हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!

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  7. .

    जब भी यहाँ आती हूँ , कुछ ख़ास ही पढने को मिलता है। नवरात्रि के अवसर पर बेहद सुन्दर चुनाव आपका।

    .

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  8. सुन्‍दर प्रस्‍तुति के लिये धन्‍यवाद भाई साहब.

    नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनांए.

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  9. जैसा नाम वैसा गुण।
    इस ब्लॉग में सजाए गए शाश्वत शिल्प ने पहले पोस्ट तक ध्यान आकर्षित किया।
    ..बहुत खूब।

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  10. मानस से यह बहुत सुन्दर उद्धरण लिया है आपने

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  11. बहुत अच्छी प्रस्तुति....नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनांए.

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