आभास



लगता है सत्य कभी
अथवा आभास,
तिनके-से जीवन पर
मन भर विश्वास।

स्वप्नों की हरियाली
जीवन पाथेय बनी,
जग जगमग कर देती
आशा की एक कनी।

डाल-डाल उम्र हुई
पात-पात श्वास।

जड़ता खिलखिल करती
बैद्धिकता आह !
अमरत्व मरणशील
कहानी अथाह।

चिदाकाश करता है,                 
मानो उपहास।

                                                                                    -महेन्द्र वर्मा

11 comments:

  1. तिनके-से जीवन पर
    मन भर विश्वास।

    गहन ....बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ...!!

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  2. स्वप्नों की हरियाली
    जीवन पाथेय बनी,
    जग जगमग कर देती
    आशा की एक कनी।
    बहुत सुंदर दार्शनिकhअभिव्यक्ति ..

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  3. गहन भावपूर्ण अभिव्यक्ति |

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  4. सचमुच जीवन नवगीत

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  5. सुन्दर प्रस्तुति-
    आभार आपका-

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  6. जड़ता खिलखिल करती
    बैद्धिकता आह !
    अमरत्व मरणशील
    कहानी अथाह।

    चिदाकाश करता है,
    मानो उपहास।


    मंथन से निकला मोती...............

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  7. जीवन मंथन से उपजी रचना ... बेमिसाल ...

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  8. दर्शन की बारीक रेखा पर चलती कविता. बहुत खूब.

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  9. जीवन दर्शन...

    स्वप्नों की हरियाली
    जीवन पाथेय बनी,
    जग जगमग कर देती
    आशा की एक कनी।

    बहुत भावपूर्ण, बधाई.

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  10. स्वप्नों की हरियाली
    जीवन पाथेय बनी,
    जग जगमग कर देती
    आशा की एक कनी।

    डाल-डाल उम्र हुई
    पात-पात श्वास।

    बहुत सुन्दर नवगीत आदरणीय

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