शाश्वत शिल्प

विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति

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दोहे : अवसर का उपयोग

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आशा ऐसी वस्तु है, मिलती सबके पास, पास न हो कुछ भी मगर, हरदम रहती आस। आलस के सौ वर्ष भी, जीवन में हैं व्यर्थ, एक वर्ष उद्यम भरा, महती इ...
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महेन्‍द्र वर्मा
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