शाश्वत शिल्प

विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति

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अन्ना दादा, वाह !

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जीता जन का तंत्र है, हारे तानाशाह, गूंज रहा चहुं ओर है, अन्ना दादा वाह। अन्ना दादा वाह, पहन कर टोपी खादी, असली आजादी की तुमने झलक दिखाद...
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महेन्‍द्र वर्मा
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