शाश्वत शिल्प

विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति

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उम्र का समंदर

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दिन ढला तो साँझ का उजला सितारा मिल गया, रात की अब फ़िक्र किसको जब दियारा मिल गया । ज़िंदगी   की  डायरी   में    बस   लकीरें  थीं  मगर, कु...
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महेन्‍द्र वर्मा
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