शाश्वत शिल्प
विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति
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उम्र का समंदर
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दिन ढला तो साँझ का उजला सितारा मिल गया, रात की अब फ़िक्र किसको जब दियारा मिल गया । ज़िंदगी की डायरी में बस लकीरें थीं मगर, कु...
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