शाश्वत शिल्प

विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति

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भविष्य के संकटों का तारणहार विज्ञान ही है

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दुनिया भर के वैज्ञानिक बार-बार यह चेतावनी देते रहे हैं कि निकट भविष्य में पृथ्वी पर जीवन के लिए बुनियादी आवश्यकताओं- शुद्ध वायु, जल और...
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वैदिक गणित और विद्यालयीन पाठ्यक्रम

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(मेरे पिछले पोस्ट का दूसरा भाग, पहला भाग यहां देखें) दिसंबर 2016, संसद का शीतकालीन सत्र । सदन में भारत शासन से पूछे गए दो दो प्रश...
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‘वैदिक गणित’ क्या सचमुच वैदिक है

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जब मैं ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत था तब सेवारत शिक्षकों और प्रशिक्षु शिक्षकों को वैदिक गणित विषय पर प्रशिक्षण...
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झूठ का सच

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यह सच है कि प्रत्येक व्यक्ति यदा-कदा अनेक कारणों से झूठ बोलता है किंतु जब यह किसी व्यक्ति के लिए आदत या लत बन जाती है तो समाज में वह निं...
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सच क्या है

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आज से तीन-चार लाख वर्ष पूर्व, जब मनुष्य अपने विकास की प्रारंभिक अवस्था में था, तब किसी समय एक घटना घटित हुई । इस घटना की प्रतिक्रिया दो र...
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धूप, चांदनी, सीप, सितारे

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सच्चाई की बात करो तो, जलते हैं कुछ लोग, जाने कैसी-कैसी बातें, करते हैं कुछ लोग। धूप, चांदनी, सीप, सितारे, सौगातें हर सिम्त, ...
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भविष्यकथन - एक दृष्टि

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आजकल टेलीविज़न के चैनलों में भविष्यफल या भाग्य बताने वाले कार्यक्रमों की बाढ़ आई हुई है । स्क्रीन पर विचित्र वेषभूषा में राशिफल या...
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समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की दुर्दशा

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आम तौर पर यह समझा जाता है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण का संबंध केवल वैज्ञानिकों से है,  ऐसा बिल्कुल नहीं है । वास्तव में वैज्ञानिक दृष्ट...
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महेन्‍द्र वर्मा
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