शाश्वत शिल्प
विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति
(Move to ...)
Home
▼
भविष्य के संकटों का तारणहार विज्ञान ही है
›
दुनिया भर के वैज्ञानिक बार-बार यह चेतावनी देते रहे हैं कि निकट भविष्य में पृथ्वी पर जीवन के लिए बुनियादी आवश्यकताओं- शुद्ध वायु, जल और...
3 comments:
वैदिक गणित और विद्यालयीन पाठ्यक्रम
›
(मेरे पिछले पोस्ट का दूसरा भाग, पहला भाग यहां देखें) दिसंबर 2016, संसद का शीतकालीन सत्र । सदन में भारत शासन से पूछे गए दो दो प्रश...
3 comments:
‘वैदिक गणित’ क्या सचमुच वैदिक है
›
जब मैं ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत था तब सेवारत शिक्षकों और प्रशिक्षु शिक्षकों को वैदिक गणित विषय पर प्रशिक्षण...
5 comments:
झूठ का सच
›
यह सच है कि प्रत्येक व्यक्ति यदा-कदा अनेक कारणों से झूठ बोलता है किंतु जब यह किसी व्यक्ति के लिए आदत या लत बन जाती है तो समाज में वह निं...
6 comments:
सच क्या है
›
आज से तीन-चार लाख वर्ष पूर्व, जब मनुष्य अपने विकास की प्रारंभिक अवस्था में था, तब किसी समय एक घटना घटित हुई । इस घटना की प्रतिक्रिया दो र...
3 comments:
धूप, चांदनी, सीप, सितारे
›
सच्चाई की बात करो तो, जलते हैं कुछ लोग, जाने कैसी-कैसी बातें, करते हैं कुछ लोग। धूप, चांदनी, सीप, सितारे, सौगातें हर सिम्त, ...
1 comment:
भविष्यकथन - एक दृष्टि
›
आजकल टेलीविज़न के चैनलों में भविष्यफल या भाग्य बताने वाले कार्यक्रमों की बाढ़ आई हुई है । स्क्रीन पर विचित्र वेषभूषा में राशिफल या...
1 comment:
समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की दुर्दशा
›
आम तौर पर यह समझा जाता है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण का संबंध केवल वैज्ञानिकों से है, ऐसा बिल्कुल नहीं है । वास्तव में वैज्ञानिक दृष्ट...
‹
›
Home
View web version