दोहे


सगे पराये बन गये, दुर्दिन की है मार,
छाया भी संग छोड़ दे, जब आए अंधियार।


कान आंख दो दो मिले, जिह्वा केवल एक,
अधिक सुनें देखें मगर, बोलें मित अरु नेक।


दुनिया में दो ताकतें, कलम और तलवार,
किंतु कलम तलवार से, कभी न खाये हार।


मन को वश में कीजिए, मन से बारम्बार,
जैसे लोहा काटता, लोहे का औजार।


गुनियों ने बतला दिया, जीवन का यह मर्म,
गिरता-पड़ता भाग है, चलता रहता कर्म।


जग में जितने धर्म हैं, सब की अपनी रीत,
धरती कितनी नेक है, करती सबसे प्रीत।


सभी प्राणियों के लिए, अमृत आशावाद,
जैसे सूरज वृक्ष को, देता पोषण खाद।

                                                          -महेन्द्र वर्मा


43 comments:

  1. आदरणीय महेंद्र जी
    नमस्कार !
    मन को वश में कीजिए, मन से बारम्बार,
    जैसे लोहा काटता, लोहे का औजार।
    हरेक दोहा लाज़वाब
    मनमोहक अतिसुन्दर सार्थक दोहे

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  2. कान आंख दो दो मिले, जिह्वा केवल एक,
    अधिक सुनें देखें मगर, बोलें मित अरु नेक।

    हरेक दोहा एक सार्थक सन्देश देता..सभी दोहे बहुत सुन्दर..आभार

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  3. बहुत ही सुन्दर सीख देते सार्थक दोहे।

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  4. गुनियों ने बतला दिया, जीवन का यह मर्म,
    गिरता-पड़ता भाग है, चलता रहता कर्म।

    इस दोहे में जीवन-दर्शन का सार दे दिया है आपने. यह पंक्ति याद रह जाती है-
    'गिरता-पड़ता भाग है, चलता रहता कर्म।'

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  5. दुनिया में दो ताकतें, कलम और तलवार,
    किंतु कलम तलवार से, कभी न खाये हार।
    हरेक दोहा लाज़वाब
    सार्थक.

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  6. महेंद्र वर्माजी !दोहे पढ़े जातें हैं ,गुने जातें हैं ,एक मौखिक परम्परा एक गेयता की वजह से आगे बढतें हैं एक पीढ़ी से दूसरी तक पहुंचतें हैं ।
    सगे पराये बन गए ,दुर्दिन की है मार ,
    छाया भी संग छोड़ दे,जब आये अंधियार ।
    डूबते जहाज को चूहे भी छोड़ जातें हैं .कैप्टेन ही लेता है जल समाधि ।
    बधाई भाई साहब !ये काम जारी रखिये .

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  7. किस किस की तारीफ करू। सारे दोहे एक से बढ़कर एक है। सादर।

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  8. दुनिया में दो तक़तें कलम और तलवार,
    किन्तु कलम तलवार से कभी न खाये हार।

    एक से बढकर एक दोहों के लिये वर्मा जी को मुबारकबाद व आभार।

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  9. सारे दोहे एक से बढ़ कर एक ...हर दोहा गहन सीख दे रहा है ..आभार

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  10. एक से एक प्रेरक दोहे। बहुत पसंद आए।

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  11. कान आंख दो दो मिले, जिह्वा केवल एक,
    अधिक सुनें देखें मगर, बोलें मित अरु नेक।
    bahut hi badhia likha hai ..
    sabhi dohe lajawab ...!!

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  12. दुनिया में दो ताकतें, कलम और तलवार,
    किंतु कलम तलवार से, कभी न खाये हार
    sateek baat kahi hai aapne .aabhar

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  13. आदरणीय महेन्द्र जी
    सादर प्रणाम !

    आना सफल हो गया … वाह वाऽऽह !
    दुनिया में दो ताकतें, कलम और तलवार ।
    किंतु कलम तलवार से, कभी न खाये हार ।।


    कलम की सार्थकता और आप-हम जैसों के कलमकार होने में जो आत्माभिमान की अनुभूति है बहुत ख़ूबी से उभारी है आपने ।
    सभी दोहे शानदार हैं । बहुत बहुत बधाई !

    क्षमा चाहूंगा ; परिस्थितियोंवश विलम्ब से आ पाया हूं आपके यहां … पिछली न पढ़ी हुई पोस्ट्स भी देखनी है आपकी …
    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  14. धारदार और सार्थक दोहे.

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  15. दुनिया में दो ताकतें, कलम और तलवार,
    किंतु कलम तलवार से, कभी न खाये हार।

    Wonderful couplets Mahendra ji.

    .

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  16. हिंदी काव्य में "दोहा" श्रेष्ठ विधा है और नीतिपरक दोहे "सर्व-श्रेष्ठ".
    नीतिपरक दोहों की रचना हेतु बधाई.

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  17. सुँदर दोहे , हर दोहे में निहित अर्थ मूल्यवान है . आभार .

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  18. मन को वश में कीजिए, मन से बारम्बार,
    गिरता-पड़ता भाग है, चलता रहता कर्म।
    सभी प्राणियों के लिए, अमृत आशावाद,

    वाह महेंद्र भाई, क्या अमृत तुल्य सुभाषितानि प्रस्तुत की है आपने| बहुत खूब|

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  19. सगे पराये बन गये, दुर्दिन की है मार,
    छाया भी संग छोड़ दे, जब आए अंधियार।

    अति उत्तम दोहे ... इन्हि पंक्तियों को मैंने अपने ब्लॉग पर नई पोस्ट से समझाने की कोशिश की है ... ज़रूर आइयेगा !

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  20. अच्छे दोहे।

    शुक्रिया।

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  21. कान आंख दो दो मिले, जिह्वा केवल एक,
    अधिक सुनें देखें मगर, बोलें मित अरु नेक।

    .. हरेक प्रेरक दोहे।
    सभी दोहे बहुत सुन्दर..आभार

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  22. बहुत सुन्दर,नीति परक,प्रेरक उत्तम विचारों से पूर्ण अभियक्ति के लिए दिल से आभार.हर दोहे में सरल शब्दों से भी गहरी छाप पड़ती है.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.नई पोस्ट जारी की है.

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  23. दोहों के रुप में जीवन सत्य की सटीक प्रस्तुति । आभार सहित...

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  24. कान आंख दो दो मिले, जिह्वा केवल एक,
    अधिक सुनें देखें मगर, बोलें मित अरु नेक।

    सुंदर सीख देती पंक्तियाँ...... सार्थक दोहे ...

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  25. बेहतरीन विचार ....शुभकामनायें !!

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  26. सभी दोहे एक से एक लाजवाब, जीवन में उतारने योग्य। आभार स्वीकार करें।

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  27. बहुत अच्छे और शिक्षा प्रद दोहे । बृक्ष धरती महानता, कर्म की प्रधानता, अभ्यास से मन में बश करने की गीता की शिक्षा, ज्ञान मी महत्ता, मौन का लाभ व उददेश्य, और पहला दोहा तो बहुत श्रेष्ठ
    रहिमन विपदा हू भली जो थोरे दिन होय
    हिज अनहित या जनत में जान परत सब कोय

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  28. सभी दोहे सुन्दर,प्रेरक एवं शिक्षाप्रद ....

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  29. ये दोहे उसी परमपरा की कड़ियों से हैं जिनसे हम अपने बाल्यकाल में पढ़ी हुयी अपनी पाठ्यपुस्तक से होकर गुज़रे हैं. महेंद्र सर! ये दोहे अनमोल है!

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  30. कान आंख दो दो मिले, जिह्वा केवल एक,
    अधिक सुनें देखें मगर, बोलें मित अरु नेक।
    दुनिया में दो ताकतें, कलम और तलवार,
    किंतु कलम तलवार से, कभी न खाये हार।
    बहुत सुन्दर दोहे खासकर ये दोहे मुझे बेहद पसंद आया! सार्थक और सुन्दर सन्देश देती हुई बेहतरीन प्रस्तुती !

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  31. कान आंख दो दो मिले, जिह्वा केवल एक,
    अधिक सुनें देखें मगर, बोलें मित अरु नेक।


    मन को वश में कीजिए, मन से बारम्बार,
    जैसे लोहा काटता, लोहे का औजार।


    क्या बात कही....मन में सहेज कर रखने वाली बातें ...सभी की सभी...

    सोचा कोई एक दोहा चुनुं जो सबसे सुन्दर हो...लेकिन बड़ी दिक्कत है...कोई ऐसा नहीं जो किसी से किसी कर भी कमतर हो...

    इन अमृतवाणियों के लिए आपका ह्रदय से आभार...

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  32. आपकी रचना अद्भुत और अद्वितीय है , एक एक पंक्ति से इन्सान बहुत कुछ सीख सकता है...

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  33. जग में जितने धर्म हैं, सब की अपनी रीत,
    धरती कितनी नेक है, करती सबसे प्रीत।

    bahut hi khoobsoorat dohe hain.

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  34. बहुत दिनों के बाद ऐसे दोहे पढ़ने को मिले , सुन्दर प्रस्तुति !

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  35. दुनिया में दो ताकतें, कलम और तलवार,
    किंतु कलम तलवार से, कभी न खाये हार।


    मन को वश में कीजिए, मन से बारम्बार,
    जैसे लोहा काटता, लोहे का औजार।
    bahut achchhi lagi rachna aapki ,aaye aap dil se aabhari hoon aapki

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  36. एक से बढ़ कर एक दोहे। आभार।

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  37. बहुत ही प्रेरणादायक दोहे लिखे हैं आपने सर......
    सीख देते हुए सुंदर दोहे!!!

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  38. कान आंख दो दो मिले, जिह्वा केवल एक,
    अधिक सुनें देखें मगर, बोलें मित अरु नेक।..

    सच्ची सीख ... प्रेरणा देता हुवा हर दोहा .. लाजवाब ...

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  39. सभी दोहे एक से बढ़कर एक. साधुवाद इन सारगर्भित, शिक्षाप्रद और सार्थक दोहों के लिए

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  40. सार्थक और सुन्दर सन्देश देती हुई बेहतरीन प्रस्तुती| धन्यवाद|

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  41. लाजवाब दोहे जीवन को बहुत करीब से देखा है आपने. बहुत कुछ सीखने को नया मिला
    आभार

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