दीपों से आलोकित
डगर-डगर, द्वार-द्वार।
पुलकित प्रकाश-पर्व,
तम का विनष्ट गर्व,
यत्र-तत्र छूट रहे
जुग-जुगनू के अनार।
नव तारों के संकुल,
कोरस गाएं मिलजुल,
संगत करते सुर में,
फुलझडि़यों के सितार।
सब को शुभकामना,
सुख से हो सामना,
झिलमिल झिलमिल झिलमिल,
खुशियां छलके अपार।
-महेंद्र वर्मा
नव तारों के संकुल,
ReplyDeleteकोरस गाएं मिलजुल,
संगत करते सुर में,
फुलझडि़यों के सितार।
कविता का छंद्बद्ध प्रवाह इस सुर लहरी में दीपक राग की मानिंद दीपों की शिखाओं पर नर्तन कर गया है.अद्वितीय कल्पना. महेंद्र जी दीपोत्सव की शुभकामनायें.
सुंदर दीपावली गीत , हार्दिक शुभकामनायें दीपावली की
ReplyDeleteदिवाली मा खूब झिलमिलाय दिहे हो ! शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteसुख से हो सामना,
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें एवं बधाई
सुन्दर प्रस्तुति ...दीपावली की शुभकामनायें
ReplyDeleteसुन्दर सृजन , प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteसमय- समय पर मिले आपके स्नेह, शुभकामनाओं तथा समर्थन का आभारी हूँ.
प्रकाश पर्व( दीपावली ) की आप तथा आप के परिजनों को मंगल कामनाएं.
नव तारों के संकुल,
ReplyDeleteकोरस गाएं मिलजुल,
संगत करते सुर में,
फुलझडि़यों के सितार।
मंगल मय हो सबको दीपों का त्यौहार ,दीपों का आकाश .
bahut pyara srajan.dipawali ke jaisa hi jhilmil,jhilmil.dipawali ki shubhkamnayen.
ReplyDeleteसब को शुभकामना,
ReplyDeleteसुख से हो सामना,
झिलमिल झिलमिल झिलमिल,
खुशियां छलके अपार।
वाह! बहुत सुन्दर महेंद्र जी.
आभार.
आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
'नाम जप' पर अपने सुविचार और
अनुभव प्रस्तुत करके अनुग्रहित कीजियेगा मुझे.
शाश्वत शिल्प उत्तम सजा, शिल्प-कला का केंद्र |
ReplyDeleteझिल्मिल झिल्मिल चमकते, शिल्पी-ब्रह्म-महेंद्र ||
शुभकामनाएं ||
दीप पर्व की अग्रिम शुभकामनाए॥
ReplyDeleteनव तारों के संकुल,
ReplyDeleteकोरस गाएं मिलजुल,
संगत करते सुर में,
फुलझडि़यों के सितार।
क्या बात है ....
मीठा मीठा रस घुला है इनमें ....
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं .....
संगत करते सुर में,
ReplyDeleteफुलझडि़यों के सितार।
बहुत सुन्दर मधुर गीत... वाह!
आपको सपरिवार दीप पर्व की सादर बधाईयां....
बहुत सुन्दर...दीपावली की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteशुभकामनाएं ||
ReplyDeleteरचो रंगोली लाभ-शुभ, जले दिवाली दीप |
माँ लक्ष्मी का आगमन, घर-आँगन रख लीप ||
घर-आँगन रख लीप, करो स्वागत तैयारी |
लेखक-कवि मजदूर, कृषक, नौकर व्यापारी |
नहीं खेलना ताश, नशे की छोडो टोली |
दो बच्चों का साथ, रचो मिलकर रंगोली ||
सुंदर और बेहतरीन रचना. दीपावली की हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteसब को शुभकामना,
ReplyDeleteसुख से हो सामना,
झिलमिल झिलमिल झिलमिल,
खुशियां छलके अपार.
आपको भी दीपावली की ढेरों शुभकामनायें.
बिलकुल दीवाली की फुलझडियों सी कविता!! बस यूं ही आपकी कविताओं का प्रकाश मिलता रहे और हमारे लिए प्रकाश स्तंभ बन मार्ग-दर्शन करे, यही हमारी कामना है!! शुभ दीपावली!!
ReplyDeleteसुंदर कविता .....दीपावली की अग्रिम बधाइयाँ !
ReplyDeleteनव तारों के संकुल,
ReplyDeleteकोरस गाएं मिलजुल,
संगत करते सुर में,
फुलझडि़यों के सितार।
kitni sunder upma hai
bahut sunder geet
aapko aur aapke pure parivar ko Diwali ki badhai
rachana
नव तारों के संकुल,
ReplyDeleteकोरस गाएं मिलजुल,
संगत करते सुर में,
फुलझडि़यों के सितार।
बहुत सुंदर रचना...... हार्दिक शुभकामनायें
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
.
ReplyDeleteपुलकित प्रकाश-पर्व,
तम का विनष्ट गर्व,
यत्र-तत्र छूट रहे
जुग-जुगनू के अनार....
झिलमिलाती हुयी सुन्दर प्रस्तुति.....
पर्व पर आपको ढेरों शुभकामनाएं...
.
रचना ने देपावली का उतसाग जगा दिया।
ReplyDeleteधनतेरस और दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं!
बहुत सुंदर रचना....दीवाली की शुभकामनायें।
ReplyDeleteनव तारों के संकुल,
ReplyDeleteकोरस गाएं मिलजुल,
संगत करते सुर में,
फुलझडियों के सितार
सुन्दर शब्दावली ....शुभ दीपावली
bahut sunder , dipawali ki hardik subhkamnaye
ReplyDeleteसरल शब्दों में उत्कृष्ट भाव व्यक्त किया आपने-
ReplyDeleteझिलमिल झिलमिल झिलमिल,
खुशियां छलके अपार।
आपको दीपावली की अपार खुशिया मिलें. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
उत्कृष्ट और जगमगाती रचना,बधाई !
ReplyDeleteदीपावली की तहे दिल से आपको और सभी को शुभकामनाएं
सब को शुभकामना,
ReplyDeleteसुख से हो सामना,
झिलमिल झिलमिल झिलमिल,
खुशियां छलके अपार।
बहुत ही उम्दा पंक्तियाँ!
दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!
जहां जहां भी अन्धेरा है, वहाँ प्रकाश फैले इसी आशा के साथ!
chandankrpgcil.blogspot.com
dilkejajbat.blogspot.com
पर कभी आइयेगा| मार्गदर्शन की अपेक्षा है|
आपके जीवन में भी सितार का संगीत झंकृत हो फुलझडियों से । खुशियां तारों सी झिलमिल करें । बेहद सुंदर मन को आलोकित करने वाली प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर !
ReplyDeleteदीपावली पर आपको और परिवार को हार्दिक मंगल कामनाएं !
सादर !
पञ्च दिवसीय दीपोत्सव पर आप को हार्दिक शुभकामनाएं ! ईश्वर आपको और आपके कुटुंब को संपन्न व स्वस्थ रखें !
ReplyDelete***************************************************
"आइये प्रदुषण मुक्त दिवाली मनाएं, पटाखे ना चलायें"
** दीप ऐसे जले कि तम के संग मन को भी प्रकाशित करे ***शुभ दीपावली **
ReplyDeleteऐसी भीनी भीनी शुभकामनायें मिलें तो दीपावली तो शुभ होगी ही, आपको भी हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteआपको, आपके मित्रों और परिजनों को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteआपकी प्रस्तुति अच्छी लगी । .मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । दीपावली की शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteसब को शुभकामना,
ReplyDeleteसुख से हो सामना,
झिलमिल झिलमिल झिलमिल,
खुशियां छलके अपार।
वाह क्या लय चुनी है इस अद्भुत नवगीत की
ReplyDeleteमैं तो पढ़ते पढ़ते गा भी रहा था
आपके ब्लॉग पर आना सुखद एहसास जगाता है आ. महेंद्र जी
दिवाली-भाई दूज और नववर्ष की शुभकामनाएं
बढ़िया प्रस्तुति शुभकामनायें आपको !
ReplyDeleteआप मेरे ब्लॉग पे आये आपका में अभिनानद करता हु
दीप उत्सव स्नेह से भर दीजिये
रौशनी सब के लिये कर दीजिये।
भाव बाकी रह न पाये बैर का
भेंट में वो प्रेम आखर दीजिये।
दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाओं सहित
दिनेश पारीक
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ReplyDeleteBlack magic removal in New York