दोहे: तन-मन-धन-जन-अन्न


जहाँ-जहाँ पुरुषार्थ है, प्रतिभा से संपन्न, 
संपति पाँच विराजते, तन-मन-धन-जन-अन्न।


दुख है जनक विराग का, सुख से उपजे राग,
जो सुख-दुख से है परे, वह देता सब त्याग।


ऐसी विद्या ना भली, जो घमंड उपजात,
उससे तो मूरख भले, जाने शह ना मात।


ईश्वर मुझको दे भले, दुनिया भर के कष्ट,
पर मिथ्या अभिमान को , मत दे, कर दे नष्ट।


जो भी है इस जगत में, मिथ्या है निस्सार,
माँ की ममता सत्य है,  करें सभी स्वीकार।


                                                                              -महेन्द्र वर्मा

38 comments:

  1. ऐसी विद्या ना भली, जो घमंड उपजात,
    उससे तो मूरख भले, जाने शह ना मात।
    xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
    जो भी है इस जगत में, मिथ्या है निस्सार,
    माँ की ममता सत्य है, करें सभी स्वीकार।
    सभी दोहे गहरे भावों से ओतप्रोत हैं ....! अंतिम तो दिल के बहुत करीब से गुजर गया और सोचता रहा मैं ....!

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  2. "जहाँ-जहाँ पुरुषार्थ है, प्रतिभा से संपन्न,
    संपति पाँच विराजते, तन-मन-धन-जन-अन्न।"

    इस विचार-संस्कार की आवश्यकता सारे भारत को है.
    "ऐसी विद्या ना भली, जो घमंड उपजात,
    उससे तो मूरख भले, जाने शह ना मात।"

    यह भाव मन को छू गया क्योंकि यह नीति से भी परे की बात है.

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  3. सभी दोहे लाजवाब हैं बधाई।

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  4. ऐसी विद्या ना भली, जो घमंड उपजात,
    उससे तो मूरख भले, जाने शह ना मात।
    जीवन सूत्र पिरो दिए हैं आपने इन दोहों में .

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  5. सार्थक दोहे ... सुन्दर प्रस्तुति

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  6. सन्देश देते दोहे.... बहुत बढ़िया...

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  7. आपके दोहे हमेशा बुजुर्गों की सीख और बड़ों के आशीष से लगते हैं!!

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  8. दुख है जनक विराग का, सुख से उपजे राग,
    जो सुख-दुख से है परे, वह देता सब त्याग।
    सुन्दर सीख देते शानदार दोहे।

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  9. ऐसी विद्या ना भली, जो घमंड उपजात,
    उससे तो मूरख भले, जाने शह ना मात।...

    वाह महेंद्र जी ... कबीर की याद ताज़ा हो आई ... बहत ही सहजता से बड़ी बात कह दी आपने इन दोहों में ...

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  10. bahut badhiya prastuti...mahendra ji ...abhaar

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  11. बेहतरीन दोहे...आनन्द आया.

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  12. माँ की ममता से भरी सत्य एवं सार्थक दोहे की रचना की है आपने
    आपका बहुत आभार !!
    मेरी तरफ से आपको दीपावली तथा भैयादूज पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ!!

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  13. बहुत सुन्दर दोहे हैं सर,
    सादर बधाई...

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  14. बहुत संदेशपूर्ण दोहे, सार्थक जीवन का आधार बताते

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  15. शिक्षाप्रद , प्रेरणादायी , बेहतरीन प्रस्तुति।

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  16. ऐसी विद्या ना भली, जो घमंड उपजात,
    उससे तो मूरख भले, जाने शह ना मात।

    बेहतरीन दोहे.

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  17. प्रेरणादायी प्रस्तुति....लाजवाब दोहे ...

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  18. ऐसी विद्या ना भली, जो घमंड उपजात,
    उससे तो मूरख भले, जाने शह ना मात।
    बेहतरीन!

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  19. इन दोहों की बात काफ़ी प्रेरक हैं। जैसे कबीर के दोहे हुआ करते थे।

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  20. स्वीकार है..आपकी सुन्दर रचना..सहर्ष

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  21. ऐसी विद्या ना भली, जो घमंड उपजात,
    उससे तो मूरख भले, जाने शह ना मात।


    साधु-साधु
    अतिसुन्दर...

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  22. अति सुन्दर, एक से बढ़कर एक दोहे ।

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  23. सारे दोहे एक से बढ़कर एक है! लाजवाब प्रस्तुती ! बहुत बहुत बधाई!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

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  24. बेहद सुन्दर दोहे ...शिक्षाप्रद ...

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  25. जो भी है इस जगत में, मिथ्या है निस्सार,
    माँ की ममता सत्य है, करें सभी स्वीकार।


    बहुत सुन्दर और प्रेरक दोहे...

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  26. बेहद सुन्दर और शिक्षाप्रद दोहे .....आभार..

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  27. ऐसी विद्या ना भली, जो घमंड उपजात,
    उससे तो मूरख भले, जाने शह ना मात।


    ईश्वर मुझको दे भले, दुनिया भर के कष्ट,
    पर मिथ्या अभिमान को , मत दे, कर दे नष्ट

    गज़ब की सोच को दोहों में बाँधा है आपने ...सादर प्रणाम

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  28. प्रेरक और शिक्षाप्रद
    Gyan Darpan
    RajputsParinay

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  29. बहुत खूबसूरती से समेटा है इन ज्ञानवर्धक बातों को अपने दोहों में
    बधाई

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  30. जो भी है इस जगत में, मिथ्या है निस्सार,
    माँ की ममता सत्य है, करें सभी स्वीकार।
    sundar dohe..

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  31. आदरणीय महेंद्र जी अभिवादन बहुत ही सुन्दर सीख देते आप के लाजबाब दोहे ...काश लोग इन पर गौर कर कुछ तो लाभ लें
    शुक्ल भ्रमर ५

    जहाँ-जहाँ पुरुषार्थ है, प्रतिभा से संपन्न,
    संपति पाँच विराजते, तन-मन-धन-जन-अन्न।

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  32. अतिसुन्दर...वाह!

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  33. प्रेरणादायी ज्ञानवर्धक दोहे बेहतरीन प्रस्तुति....महेंद्र जी

    संजय भास्कर
    आदत....मुस्कुराने की
    पर आपका स्वागत है
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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  34. जो भी है इस जगत में, मिथ्या है निस्सार,
    माँ की ममता सत्य है, करें सभी स्वीकार।

    आज तो अध्यात्म का जोर है । सुंदर दोहे महेंन्द्र जी ।

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  35. दोहावली में
    हर शब्द जीवन-दर्शन से जुडा हुआ है
    संदेशात्मक प्रस्तुति !

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  36. बहुत ही शिक्षाप्रद दोहे!

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  37. आपका ब्लॉग भी बहुत ख़ूबसूरत और आकर्षक लगा । अभिव्यक्ति भी मन को छू गई । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद . ।

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  38. एक-से-बढ़कर-एक प्रेरणादायक दोहे !

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