धनमद-कुलमद-ज्ञानमद, दुनिया में मद तीन,
अहंकारियों से मगर, मति लेते हैं छीन।
गुणी-विवेकी-शीलमय, पाते सबसे मान,
मूर्ख किंतु करते सदा, उनका ही अपमान।
जला हुआ जंगल पुनः, हरा-भरा हो जाय,
कटुक वचन का घाव पर, भरे न कोटि उपाय।
चिंतन और विमर्श में, गुणीजनों का नाम,
व्यर्थ कलह करना मगर, मूर्खों का है काम।
मूर्ख-अहंकारी-पतित, क्रोधी अरु मतिहीन,
इनका संग न कीजिए, कहते लोग कुलीन।
जो जैसा भोजन करे, वैसा ही मन जान,
गुण उसके अनुरूप हो, वैसी हो संतान।
आगत की चिंता नहीं, गत का करें न शोक,
वर्तमान सुध लीजिए, सुख पाएं इहलोक।
-महेन्द्र वर्मा
आगत की चिंता नहीं, गत का करें न शोक,
ReplyDeleteवर्तमान सुध लीजिए, सुख पाएं इहलोक।
यह भारतीय मनीषा का सुंदर सार कह दिया आपने. जो वर्तमान में है वह सुखी रह सकता हैं. बहुत ही सुंदर नीति दोहे.
मूर्ख-अहंकारी-पतित, क्रोधी अरु मतिहीन,
ReplyDeleteइनका संग न कीजिए, कहते लोग कुलीन।
बहुत अच्छी प्रस्तुति,,,सुंदर प्रेरक दोहे,,,,,,
MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बहुत बहुत आभार ,,
बहुत बढ़िया दोहे ...सार्थक और उत्कृष्ट ...!!
ReplyDeleteसुन्दर सार्थक दोहे...!
ReplyDeleteएक-एक दोहे में असंख्य नीति की बातें हैं। सबके सब अमल में लाने लायक़। बहुत आनन्द आया इन्हें पढ़कर।
ReplyDeleteजला हुआ जंगल पुनः, हरा-भरा हो जाय,
ReplyDeleteकटुक वचन का घाव पर, भरे न कोटि उपाय।
सुंदर दोहे...
'चिंतन और विमर्श में, गुणीजनों का नाम,
ReplyDeleteव्यर्थ कलह करना मगर, मूर्खों का है काम।'
- इस बात को लोग समझ जायें तो सारा झंझट खत्म !
जला हुआ जंगल पुनः, हरा-भरा हो जाय,
ReplyDeleteकटुक वचन का घाव पर, भरे न कोटि उपाय।
चिंतन और विमर्श में, गुणीजनों का नाम,
व्यर्थ कलह करना मगर, मूर्खों का है काम।
सटीक बात कहते सारे दोहे .... सुंदर प्रस्तुति
आगत की चिंता नहीं, गत का करें न शोक,
ReplyDeleteवर्तमान सुध लीजिए, सुख पाएं इहलोक।
bilkul sahi ....
धनमद-कुलमद-ज्ञानमद, दुनिया में मद तीन,
ReplyDeleteअहंकारियों से मगर, मति लेते हैं छीन।
सार्थक चिंतन
अनुभव सिद्ध दृष्टि के दोहे.
ReplyDeleteबहुत खूब.... आपके इस पोस्ट की चर्चा आज 29-6-2012 ब्लॉग बुलेटिन पर प्रकाशित है ..अपने बच्चों के लिए थोडा और बलिदान करें.... .धन्यवाद.... अपनी राय अवश्य दें...
ReplyDeleteमहेन्द्र जी एक से बढ़कर एक दोहे हैं।
ReplyDeleteजला हुआ जंगल पुनः, हरा-भरा हो जाय,
ReplyDeleteकटुक वचन का घाव पर, भरे न कोटि उपाय।
sangrahniy dohe aur sath hi chintaniy
अति सुन्दर दोहे |
ReplyDeleteहमें मोहे |
खूब मोहे ||
बहुत भावपूर्ण दोहे |
ReplyDelete'जला हुआ जंगल -------कटु वचन का घाव पर भरे न कोटि उपाय |"
आशा
बहुत बढ़िया दोहे
ReplyDeleteआगत की चिंता नहीं, गत का करें न शोक,
ReplyDeleteवर्तमान सुध लीजिए, सुख पाएं इहलोक।..
..बहुत अच्छी प्रस्तुति,,,सुंदर प्रेरक दोहे,,,,,,आभार
आगत की चिंता नहीं, गत का करें न शोक,
ReplyDeleteवर्तमान सुध लीजिए, सुख पाएं इहलोक। बहुत सुन्दर
प्रभावशाली रचना ...
ReplyDeleteआभार आपका !
सुंदर प्रेरक दोहे...आभार
ReplyDeleteसुंदर दोहों की खुबसूरत प्रस्तुति ..
ReplyDeleteआभार !!
चिंतन और विमर्श में, गुणीजनों का नाम,
ReplyDeleteव्यर्थ कलह करना मगर, मूर्खों का है काम।
सटीक बात कहते सारे दोहे .... सुंदर प्रस्तुति महेंदर जी
................................
बहुत सुन्दर प्रभावशाली एवं प्रेरक दोहे.....
ReplyDeleteसादर
अनु
सभी दोहे जीवन का गीत सुना रहे है
ReplyDeleteधनमद-कुलमद-ज्ञानमद, दुनिया में मद तीन,
ReplyDeleteअहंकारियों से मगर, मति लेते हैं छीन।
प्रभुता पाई केई मद नाहिं...नीतिपरक सभी दोहे उत्कृष्ट हैं|
हरेक दोहे प्रेरक एवं काफी खुबसूरत हैं !!
ReplyDeleteआपकी लेखनी को प्रणाम !
साभार !!
आगत की चिंता नहीं, गत का करें न शोक,
ReplyDeleteवर्तमान सुध लीजिए, सुख पाएं इहलोक।
...भारतीय जीवन दर्शन का निचोड़...सार्थक संदेश देते सभी दोहे बहुत सुन्दर...
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteI read your post interesting and informative. I am doing research on bloggers who use effectively blog for disseminate information.My Thesis titled as "Study on Blogging Pattern Of Selected Bloggers(Indians)".I glad if u wish to participate in my research.Please contact me through mail. Thank you.
ReplyDeletehttp://priyarajan-naga.blogspot.in/2012/06/study-on-blogging-pattern-of-selected.html
बोध और शोध ,नीति और पर्यावरण लिए आती हैं महेंद्र वर्मा जी की दोहावालियाँ .आनंद रस वर्षण करतीं हैं दोहावालियाँ ,मन को हर्षित करती हैं दोहावालियाँ .
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteआगत की चिंता नहीं, गत का करें न शोक,
ReplyDeleteवर्तमान सुध लीजिए, सुख पाएं इहलोक।...
Very motivating and inspiring couplets. Thanks Verma ji.
.
अनमोल वचन.
ReplyDeleteसुन्दर निति वाक्य जीवन
संवारने की क्षमता रखते हैं.
सुन्दर और उपयोगी दोहे, धन्यवाद!
ReplyDeletesir----
ReplyDeletebahut bahut hi prabhav- shali prastuti----
bahut hi achhi lagi-----
dhanyvaad sahit
poonam
बहुत सुन्दर दोहे सर...
ReplyDeleteसादर.
Write more, thats all I have to say. Literally, it seems
ReplyDeleteas though you relied on the video to make your point.
You obviously know what youre talking about, why throw away your
intelligence on just posting videos to your weblog when you
could be giving us something informative to read?
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