दुख का हो संहार




उद्यम-साहस-धीरता, बुद्धि-शक्ति-पुरुषार्थ,
ये षट्गुण व्याख्या करें, मानव के निहितार्थ।

जब स्वभाव से भ्रष्ट हो, मनुज करे व्यवहार,
उसे अमंगल ही मिले, जीवन में सौ बार।

जो अपने को मान ले, ज्ञानी सबसे श्रेष्ठ,
प्रायः कहलाता वही, मूर्खों में भी ज्येष्ठ।

विनम्रता के बीज से, नेहांकुर उत्पन्न,
सद्गुण शाखा फैलती, प्रेम-पुष्प संपन्न।

वाणी पर संयम सही, मन पर हो अधिकार,
जीवन में सुख-शांति हो, दुख का हो संहार।

                                                                            -महेन्द्र वर्मा

35 comments:

  1. वाणी पर संयम सही, मन पर हो अधिकार,
    जीवन में सुख-शांति हो, दुख का हो संहार।

    बहुत बेहतरीन प्रेरक दोहे ,,,,,,बधाई महेंद्र जी
    बहुत दिनों से आप मेरे पोस्ट पर नही आए आइये
    आपका स्वागत है,,,,

    RECENT POST,तुम जो मुस्करा दो,

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  2. सभी श्रेष्ठ गुणों को आपके दोहे बता रहे हैं.
    उद्यम-साहस-धीरता, बुद्धि-शक्ति-पुरुषार्थ,
    ये षट्गुण व्याख्या करें, मानव के निहितार्थ।
    बहुत सुंदर.

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  3. विनम्रता के बीज से, नेहांकुर उत्पन्न,
    सद्गुण शाखा फैलती, प्रेम-पुष्प संपन्न।

    सभी दोहे बहुत सार्थक हैं ...अच्छी सीख देते हुये ॥

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  4. वाणी पर संयम सही, मन पर हो अधिकार,
    जीवन में सुख-शांति हो, दुख का हो संहार।

    महेंद्र भैया जी बहुत खुबसूरत ढंग से कही गई बातें सादर नमन

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  5. महेंद्र भैया जी बहुत खुबसूरत ढंग से कही गई बातें सादर नमन

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  6. बहुत अच्छी - अच्छी बाते है आपकी रचना में..
    सुन्दर सन्देश देती बेहद सुन्दर रचना...
    :-)

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  7. आप्तवाणी .. अनुसरण करने योग्य..

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  8. जो अपने को मान ले, ज्ञानी सबसे श्रेष्ठ,
    प्रायः कहलाता वही, मूर्खों में भी ज्येष्ठ।...बिल्कुल

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  9. बढ़िया ...
    सार्थक दोहे..

    सादर
    अनु

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  10. वाह!
    आपके इस उत्कृष्ट प्रवृष्टि का लिंक कल दिनांक 10-09-2012 के सोमवारीय चर्चामंच-998 पर भी है। सादर सूचनार्थ

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  11. कई पोस्ट एक साथ पढ़ीं ....ऐसा लगा बेहतरीन पुस्तक पढ़ी ...आभार

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  12. जब स्वभाव से भ्रष्ट हो, मनुज करे व्यवहार,
    उसे अमंगल ही मिले, जीवन में सौ बार।

    सुन्दर सन्देश.बहुत अच्छे दोहे .

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  13. विनम्रता के बीज से, नेहांकुर उत्पन्न,
    सद्गुण शाखा फैलती, प्रेम-पुष्प संपन्न।

    बहुत उम्दा....

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  14. जब स्वभाव से भ्रष्ट हो, मनुज करे व्यवहार,
    उसे अमंगल ही मिले, जीवन में सौ बार..

    सार्थक सन्देश देते सभी दोहे ... प्रेरक अती सुन्दर ... मज़ा आ गया जी ...

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  15. बहुत सुन्दर और सार्थक दोहे..
    आभार महेन्द्र जी..

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  16. सार्थक सटीक प्रेरक दोहे,,,,,बधाई महेंद्र जी,,,,

    RECENT POST - मेरे सपनो का भारत

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  17. वाणी पर संयम सही, मन पर हो अधिकार,
    जीवन में सुख-शांति हो, दुख का हो संहार।

    sukhi jeevan ke mantra..

    .

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  18. विनम्रता के बीज से, नेहांकुर उत्पन्न,
    सद्गुण शाखा फैलती, प्रेम-पुष्प संपन्न।
    ..बेहतरीन प्रेरक दोहे...

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  19. उद्यम-साहस-धीरता, बुद्धि-शक्ति-पुरुषार्थ,
    ये षट्गुण व्याख्या करें, मानव के निहितार्थ।

    हर एक दोहा श्रेष्ठतम.बहुत दिनों बाद आपके दोहे पढ़ने का सुअवसर प्राप्त हुआ.आभार.......

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  20. ....बहुत खुबसूरत ढंग से कही गई बातें महेंद्र जी

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  21. विनम्रता के बीज से, नेहांकुर उत्पन्न,
    सद्गुण शाखा फैलती, प्रेम-पुष्प संपन्न।

    बेहद प्रेरक पंक्तियाँ.

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  22. जो अपने को मान ले, ज्ञानी सबसे श्रेष्ठ,
    प्रायः कहलाता वही, मूर्खों में भी ज्येष्ठ।
    जो रिमोट से चल पड़े प्राणि वह कुल श्रेष्ठ ,
    अर्थ व्यवस्था खुद के तैं , प्राणि करे वह सर्वश्रेष्ठ .
    कुछ दोहे भाई साहब आप से इस रिमोटिया सरकार पर अपेक्षित हैं हमने संकेत भर किया है मात्रा ठीक आप कर लेना दोहे गढ़ लेना अनगढ़ .

    .
    ram ram bhai
    सोमवार, 10 सितम्बर 2012
    आलमी हो गई है रहीमा शेख की तपेदिक व्यथा -कथा (आखिरी से पहली किस्त )

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  23. जो अपने को मान ले, ज्ञानी सबसे श्रेष्ठ,
    प्रायः कहलाता वही, मूर्खों में भी ज्येष्ठ।

    विनम्रता के बीज से, नेहांकुर उत्पन्न,
    सद्गुण शाखा फैलती, प्रेम-पुष्प संपन्न।

    सार्थक व प्रेरक दोहे।

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  24. वाणी पर संयम सही, मन पर हो अधिकार,
    जीवन में सुख-शांति हो, दुख का हो संहार।

    ...बहुत सुंदर.

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  25. namaskaar mahendra ji
    sabhi dohe uttam aur sarthak , aapki post par aana sarthak ho gaya , badhai

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  26. जब स्वभाव से भ्रष्ट हो, मनुज करे व्यवहार,
    उसे अमंगल ही मिले, जीवन में सौ बार।

    bahut sarthak baat ...!!
    shubhkamnayen ...!!

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  27. यही है सर्वजन हितकारी बोल| हमेशा की तरह सरल, सारगर्भित और संग्रहणीय|

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  28. विचारमनकों की अद्वितीय माला......

    एक से बढ़कर एक मनके...

    अतिसुन्दर...

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  29. सार्थक संदेश देते बहुत सुन्दर दोहे...

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  30. आपके सुवचनों से सज्जित इस प्रस्तुति
    से वास्तव में दुःख का संहार हो जाएगा.

    अनुपम प्रेरक प्रस्तुति के लिए आभार.

    समय मिले तो मेरी नवीन पोस्ट पर आईएगा.

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  31. आज 18/2/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in (दीप्ति शर्मा जी की प्रस्तुति में) पर लिंक की गयी हैं. आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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