बातों का फ़लसफ़ा



 

ज़रा-ज़रा इंसाँ  होने से मन को सुकून मिलना तय है]
  अगर देवता बन बैठे तो हरदम दोष निकलना तय है ।

सूरज गिरा क्षितिज के नीचे   सुबह सबेरे फिर चमकेगा]
चलने वालों का ही गिरना उठना फिर से चलना तय है ।

जब अतीत की गहराई से   यादों का लावा-सा निकले]
मन में जमी भावनाओं का गलना और पिघलना तय है ।

जहाँ-जहाँ  ढूँढ़ोगे   उसको   अपना   ही   साया   देखोगे]
ख़ुद से अलग समझते हो तो इस यक़ीन में छलना तय है ।

बातों का है  यही फ़़लसफ़ा  रपटीली  होती हैं   अक्सर]
समझ गए तो सँभल गए पर चूके अगर फिसलना तय है ।


                    -महेन्द्र वर्मा



13 comments:

  1. वर्मा सा.
    आपकी ग़ज़लों में बयान की खूबसूरती के साथ एक छिपा हुआ सन्देश, एक दर्शन, एक सीख दे जाता है! ग़ज़ल कहने का मतलब सिर्फ व्यवस्था को कोसना या महबूबा की तारीफ़ करना नहीं, एक फलसफा बयान करना भी है, ये आप से सीखा है!!

    ReplyDelete
  2. आपका यही फ़लसफ़ा मस्ती बिखेरता है । उम्दा ..

    ReplyDelete
  3. हर पंक्ति कमाल की है .... बेहद अर्थपूर्ण भाव

    ReplyDelete
  4. सच कहा है ... देवता होना कठिन है .. इंसान रह सकें तो भी बहुत है ... लाजवाब

    ReplyDelete
  5. बातों का है यही फ़़लसफ़ा रपटीली होती हैं अक्सर,
    समझ गए तो सँभल गए पर चूके अगर फिसलना तय है ।
    .. बहुत सटीक ... ज़ुबां फिसली तो सब गुड़ गोबर होते देर नहीं लगती

    ReplyDelete
  6. जहाँ-जहाँ ढूँढ़ोगे उसको अपना ही साया देखोगे,
    ख़ुद से अलग समझते हो तो इस यक़ीन में छलना तय है ।

    आपकी रचनाओं में फलसफा सहज ही आ जाता है. बहुत ही प्रशंसनीय.

    ReplyDelete
  7. जहाँ-जहाँ ढूँढ़ोगे उसको अपना ही साया देखोगे,
    ख़ुद से अलग समझते हो तो इस यक़ीन में छलना तय है ।
    ...वाह...बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...

    ReplyDelete
  8. वाह , बहुत खूबसूरत ....

    ReplyDelete
  9. सूरज गिरा क्षितिज के नीचे सुबह सबेरे फिर चमकेगा,
    चलने वालों का ही गिरना उठना फिर से चलना तय है ।

    जब अतीत की गहराई से यादों का लावा-सा निकले,
    मन में जमी भावनाओं का गलना और पिघलना तय है ।

    खूबसूरत मतले के साथ शानदार ग़ज़ल आदरणीय

    ReplyDelete
  10. http://bulletinofblog.blogspot.in/2016/09/7.html

    ReplyDelete
  11. अगर देवता बन बैठे तो हरदम दोष निकलना तय है ।

    सटीक ....

    ReplyDelete
  12. जहाँ-जहाँ ढूँढ़ोगे उसको अपना ही साया देखोगे,
    ख़ुद से अलग समझते हो तो इस यक़ीन में छलना तय है ।

    वह महेंद्र जी बहुत ही प्रशंसनीय !

    ReplyDelete
  13. Thanks for sharing, nice post! Post really provice useful information!

    An Thái Sơn chia sẻ trẻ sơ sinh nằm nôi điện có tốt không hay võng điện có tốt không và giải đáp cục điện đưa võng giá bao nhiêu cũng như mua máy đưa võng ở tphcm địa chỉ ở đâu uy tín.

    ReplyDelete