शाश्वत शिल्प

विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति

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शीत - सात छवियाँ

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धूप गरीबी झेलती, बढ़ा ताप का भाव, ठिठुर रहा आकाश है,ढूँढ़े सूर्य अलाव । रात रो रही रात भर, अपनी आंखें मूँद, पीर सहेजा फूल ने, बूँद-बूँद फिर...
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महेन्‍द्र वर्मा
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