शाश्वत शिल्प

विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति

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कृष्ण विवर

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कुछ भी नहीं था पर शून्य भी नहीं था चीख रहे उद्गाता । जगती का रंगमंच उर्जा का है प्रपंच, अकुलाए-से लगते आज महाभूत पंच, दिक् ने ज्यों काल से ...
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महेन्‍द्र वर्मा
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