शाश्वत शिल्प
विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति
(Move to ...)
Home
▼
Showing posts with label
दिल दरिया
.
Show all posts
Showing posts with label
दिल दरिया
.
Show all posts
मन के नयन
›
मन के नयन खुले हैं जब तक, सीखोगे तुम जीना तब तक । दीये को कुछ ऊपर रख दो, पहुँचेगा उजियारा सब तक । शोर नहीं बस अनहद से ही, सदा पहुँच जाए...
16 comments:
›
Home
View web version