शाश्वत शिल्प
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सर्पिल नीहारिका
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सर्पिल नीहारिका
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ठिठके-से तारों की ऊँघती लड़ी, पथराई लगती है सृष्टि की घड़ी। होनी के हाथों में जकड़न-सी आई सूरज की...
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