जगमग हर घर-द्वार कि अब दीवाली आई,
पुलकित है संसार कि अब दीवाली आई।
दुनिया के कोने-कोने में दीप जले हैं,
डरता है अंधियार कि अब दीवाली आई।
गीत प्यार के गीत मिलन के गीत ख़ुशी के,
गाओ मेरे यार कि अब दीवाली आई।
जी भर जी लो गले लगालो सबको हंसकर,
जीवन के दिन चार कि अब दीवाली आई।
दुनिया से अब द्वेष मिटाकर ही दम लेंगे,
दिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।
सुख समृद्धि स्वास्थ्य संपदा मिले सभी को,
यही कामना चार कि अब दीवाली आई।
धरती सागर जंगल सरिता गगन पवन पर,
हो सबका अधिकार कि अब दीवाली आई।
खुद भी जियो और दूसरों को जीने दो,
जीवन का यह सार कि अब दीवाली आई।
मेहनत से धन खूब कमाओ भ्रष्ट बनो मत,
लक्ष्मी कहे पुकार कि अब दीवाली आई।
जीवन के इस महा समर में दुआ करें हम,
हो न किसी की हार कि अब दीवाली आई।
अक्षत रोली और मिठाई ले आया हूं,
स्वीकारो उपहार कि अब दीवाली आई।
दीपावली की अशेष शुभकामनाओं के साथ...
-महेन्द्र वर्मा
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं ...
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ReplyDeleteBlogger sandhyagupta said...
ReplyDeleteसुख समृद्धि स्वास्थ्य संपदा मिले सभी को,
यही कामना चार कि अब दीवाली आई।
आमीन.
आपको भी सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.
बहोत ही अच्छी कविता
ReplyDeleteआप को भी सपरिवार दिपोत्सव की ढेरों शुभकामनाएँ
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ReplyDeleteधरती सागर जंगल सरिता गगन पवन पर,
हो सबका अधिकार कि अब दीवाली आई।....
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महेंद्र जी,
बेहद उम्दा ग़ज़ल ।
हर चीज़ पर हो सभी का समान अधिकार, बस यही हो कामना हमारी ।
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दीपावली पर बेहतरीन ग़ज़ल .........इस दीपावली के शुभ अवसर पर आपको भी सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteजीवन के इस महा समर में दुआ करें हम,
ReplyDeleteहो न किसी की हार कि अब दीवाली आई।
Deepawali par bahut bhavpurn aur sundar prastuti..Deepawali ki haardik shubh kaamnayen..
धरती सागर जंगल सरिता गगन पवन पर,
ReplyDeleteहो सबका अधिकार कि अब दीवाली आई।
वाह...! क्या समाजवाद है! इस अत्यंन्त सुन्दर ग़ज़ल पर हार्दिक बधाई!
आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की अनंत आत्मीय हार्दिक शुभकामनाएँ!
दीपावली के इस पावन पर्व पर आप सभी को सहृदय ढेर सारी शुभकामनाएं
ReplyDeleteमेहनत से धन खूब कमाओ भ्रष्ट बनो मत,
ReplyDeleteलक्ष्मी कहे पुकार कि अब दीवाली आई।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
काश आपकी ये बातें लोग मान जाएँ...कितनी खूबसूरत हो जायेगी दुनिया :)
ReplyDeleteहैप्पी दिवाली सर :)
बहुत ही सुन्दर भाव और बेहतरीन रचना है ...
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनायें ...
दुनिया से अब द्वेष मिटाकर ही दम लेंगे,
ReplyDeleteदिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।
सुख समृद्धि स्वास्थ्य संपदा मिले सभी को,
यही कामना चार कि अब दीवाली आई।
बहुत अच्छी लगी गज़ल । आपको सप्रिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
दुनिया से अब द्वेष मिटाकर ही दम लेंगे,
ReplyDeleteदिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।
सुंदर अभिव्यक्ति........ सार्थक सन्देश
दिवाली हार्दिक शुभकामनाये....
बहुत सुंदर।
ReplyDeleteचिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार
महेंद्र जी! एक प्रेरणादयक संदेश बिखेरती यह ग़ज़ल वास्तव में गीत है... एक समूह गान इस पावन पर्व पर... बहुत सुंदर!!
ReplyDelete'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय ' यानी कि असत्य की ओर नहीं सत्य की ओर, अंधकार नहीं प्रकाश की ओर, मृत्यु नहीं अमृतत्व की ओर बढ़ो ।
ReplyDeleteदीप-पर्व की आपको ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं ! आपका - अशोक बजाज रायपुर
आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें...सादर
ReplyDeleteजी भर जी लो गले लगालो सबको हंसकर,
ReplyDeleteजीवन के दिन चार कि अब दीवाली आई।
दुनिया से अब द्वेष मिटाकर ही दम लेंगे,
दिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।
सुख समृद्धि स्वास्थ्य संपदा मिले सभी को,
यही कामना चार कि अब दीवाली आई।
Bahut sunder sandesh detee hai ye aapkee Diwali special gazal.
Aapko pariwar sahit anek shubh kamnaen.
जी भर जी लो गले लगालो सबको हंसकर,
ReplyDeleteजीवन के दिन चार कि अब दीवाली आई।
दुनिया से अब द्वेष मिटाकर ही दम लेंगे,
दिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।
सुख समृद्धि स्वास्थ्य संपदा मिले सभी को,
यही कामना चार कि अब दीवाली आई।
Bahut sunder sandesh detee hai ye aapkee Diwali special gazal.
Aapko pariwar sahit anek shubh kamnaen.
रचना बहुत पसंद आई. दीपावली की आपको शुभकामनाएँ और शुभभावनाएँ
ReplyDeleteमनमोहक रचना ....
ReplyDeleteआपको व आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ...
प्रदूषण मुक्त दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDelete6/10
ReplyDeleteदुनिया से अब द्वेष मिटाकर ही दम लेंगे,
दिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।
प्रकाश पर्व पर बहुत सुन्दर रचना !
रचना के माध्यम से आपने जो उदगार व्यक्त किये,
वो पठनीय हैं...त्यौहार का वास्तविक महत्व समझाते हैं
इस ज्योति पर्व का उजास
ReplyDeleteजगमगाता रहे आप में जीवन भर
दीपमालिका की अनगिन पांती
आलोकित करे पथ आपका पल पल
मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
सुख समृद्धि शांति उल्लास की
आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर
आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
ReplyDeletewish u a happy diwali and happy new year
ReplyDeleteआप को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
ReplyDeleteमैं आपके -शारीरिक स्वास्थ्य तथा खुशहाली की कामना करता हूँ
मेहनत से धन खूब कमाओ भ्रष्ट बनो मत..
ReplyDeleteक्या कहा है जनाब...
कितनी मुश्किल...बल्कि असंभव सी बात को कितने आसानी से कह गए आप...
:)
दिवाली मुबारक...
मेहनत से धन खूब कमाओ भ्रष्ट बनो मत,
ReplyDeleteलक्ष्मी कहे पुकार कि अब दीवाली आई।
जीवन के इस महा समर में दुआ करें हम,
हो न किसी की हार कि अब दीवाली आई।
बहुत ही नेक ख्यालात इस पावन पर्व पर ......!!