नूतन वर्ष की प्रथम रचना
सृजन का संकल्प लें,
निर्माण की बातें करें।
कामनाएं शुभ करें,
कल्याण की बातें करें।
जन्म लेता है उजाला,
हर तमस के गर्भ से,
क्यों नही तब आज स्वर्ण-
विहान की बातें करें।
अनुकरण उनका करें जो,
विश्व के आदर्श हैं,
न्याय के पथ पर चलें,
ईमान की बातें करें।
हृदय में हो नेहपूरित-
भावना सबके लिए,
यों परस्पर मान की,
सम्मान की बातें करें।
बढ़ चले हैं राह पर,
अब पग नहीं पीछे हटें,
प्रगति के सोपान की,
उत्थान की बातें करें।
है प्रकृति का नेह हम पर,
जान लें पहचान लें,
दृष्टि वैसी दे सके,
उस ज्ञान की बातें करें।
बात तो करते रहे हैं,
हम सदा भगवान की,
अब चलो ऐसा करें,
इंसान की बातें करें।
-महेन्द्र वर्मा
सृजन का संकल्प लें,
निर्माण की बातें करें।
कामनाएं शुभ करें,
कल्याण की बातें करें।
जन्म लेता है उजाला,
हर तमस के गर्भ से,
क्यों नही तब आज स्वर्ण-
विहान की बातें करें।
अनुकरण उनका करें जो,
विश्व के आदर्श हैं,
न्याय के पथ पर चलें,
ईमान की बातें करें।
हृदय में हो नेहपूरित-
भावना सबके लिए,
यों परस्पर मान की,
सम्मान की बातें करें।
बढ़ चले हैं राह पर,
अब पग नहीं पीछे हटें,
प्रगति के सोपान की,
उत्थान की बातें करें।
है प्रकृति का नेह हम पर,
जान लें पहचान लें,
दृष्टि वैसी दे सके,
उस ज्ञान की बातें करें।
बात तो करते रहे हैं,
हम सदा भगवान की,
अब चलो ऐसा करें,
इंसान की बातें करें।
-महेन्द्र वर्मा
सत्य वचन! नववर्ष में इतना ही हो जाये तो राष्ट्रनिर्माण की दिशा तय हो सकेगी!!
ReplyDelete2011 की शुभकामनाएँ!!
अब चलो ऐसा करें
ReplyDeleteइन्सान की बातें करें।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ,
रवानी ग़ज़ब की ।
सृजन का संकल्प लें,
ReplyDeleteनिर्माण की बातें करें।
कामनाएं शुभ करें,
कल्याण की बातें करें।
सत्य वचन , अगर हम अपनी उर्जा धनात्मक कार्यो में लगा दे तो देश और समाज का कल्याण होगा और ऐसा होना ही चाहिए . सुन्दर रचना के लिए आभार .
बहुत ही अच्छे सदविचार ..... सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteआप रचनात्मक ऊर्जा से भरे हुए हैं। आपकी रचनात्मक ऊर्जा देख कर रश्क होता है। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteनए साल का पहला विचार
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
bahut achchi baat hai.
ReplyDeleteसृजन का संकल्प लें,
ReplyDeleteनिर्माण की बातें करें।
कामनाएं शुभ करें,
कल्याण की बातें करें.....
सार्थक विचारों से भरपूर , नए वर्ष की प्रथम कविता के लिए बधाई।
... bahut sundar ... prasanshaneey rachanaa !!
ReplyDeletenavvarsh ki hardik shubhkamnayen.sundar kavita badhai
ReplyDeleteवाह क्या बात है ... बेहतरीन रचना ... आप इतनी सुन्दर कैसे लिख लेते हैं ?
ReplyDeleteनववर्ष की शुभकामनायें !
सृजन का संकल्प लें,
ReplyDeleteनिर्माण की बातें करें।
कामनाएं शुभ करें,
कल्याण की बातें करें।
सुन्दर
बधाई
नये साल की हार्दीक शुभकामनाए..
बात तो करते रहे हैं,
ReplyDeleteबस अब ज्ञान की बातें करें।
naye varsh ka sankalp shirodhary karen milker
अब चलो ऐसा करें,
ReplyDeleteइंसान की बातें करें।
बहुत उत्तम भावनाएँ. उत्तम रचना...
'बात तो करते रहे हैं, हम सदा भगवान की,
ReplyDeleteअब चलो ऐसा करें, इंसान की बातें करें।'
आने वाले समय का संकेत देती बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ. इस कविता में वो बात है.
आमीन !
ReplyDeleteलिखते रहिये ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteआप की एक एक पंक्तियाँ प्रशंसनीय हैं |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
बहुत बहुत बधाई
har pankti sarthak sandesh dene me saksham.
ReplyDeleteati sundar!
महेन्द्र जी, बहुत बडी बात कह दी आपने। हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDelete---------
मिल गया खुशियों का ठिकाना।
इंसान और इंसानियत की चर्चा, अच्छा सत्संग है.
ReplyDeleteनये साल की हार्दीक शुभकामनाए..
ReplyDeleteसृजन का संकल्प लें,
ReplyDeleteनिर्माण की बातें करें।
कामनाएं शुभ करें,
कल्याण की बातें करें।
uttam vichar ,mahatavpoorn rachna ,yahi vichardhara honi chahiye ,sundar ,nav barsh ki hardik shubhkamnaye aapko .
सुन्दर और प्रभावशाली आह्वान
ReplyDeleteसुन्दर रचना
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की अनंत मंगलकामनाएं
ReplyDeleteलाजवाब रचना है आपकी...आपकी सोच को नमन...
ReplyDeleteनीरज
vaah varma ji, aap to pados k hi hai. aap bhi sundar likhate hai. sargarbhit bhi shubhkamnaye aapko...
ReplyDeleteबाऊ जी,
ReplyDeleteनमस्ते!
कविता प्रेरित करती है.
लेकिन जो इसे अनूठा बनाती हैं, वो हैं अंतिम पंक्तियाँ. बेजोड़:
बात तो करते रहे हैं,
हम सदा भगवान की,
अब चलो ऐसा करें,
इंसान की बातें करें।
न्यू ईअर में मेरे अलावा, होप, हैल्थ एंड हैप्पीनेस आपके रफ़ीक रहें!
आशीष
---
हमहूँ छोड़ के सारी दुनिया पागल!!!
अनुकरण उनका करें जो,
ReplyDeleteविश्व के आदर्श हैं,
न्याय के पथ पर चलें,
ईमान की बातें करें।
नए वर्ष के शुभागमन पर सुन्दर और सही संकल्प
बात तो करते रहे हैं,
ReplyDeleteहम सदा भगवान की,
अब चलो ऐसा करें,
इंसान की बातें करें....
bahut khubsoorat....new year ki pahli rachna lajwaab...
जन्म लेता है उजाला,
ReplyDeleteहर तमस के गर्भ से,
क्यों नही तब आज स्वर्ण-
विहान की बातें करें।
wah wah....bahut achha
बात तो करते रहे हैं,
ReplyDeleteहम सदा भगवान की,
अब चलो ऐसा करें,
इंसान की बातें करें।
नव वर्ष की प्रथम रचना में आपने सबकी आँखों में वह सपना डाल दिया है जिसे देखने के लिए मानवता कब से बेचैन थी !
बहुत ही सुन्दर भाव !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
सुन्दर और प्रभावशाली आह्वान| धन्यवाद|
ReplyDeleteवाह... बहुत खूब... सच्ची एवं अच्छी पंक्तियाँ...
ReplyDelete
ReplyDeleteसुबह सुबह आनंद आ गया , लगता है किसी झरने का आनंद ले रहा हूँ ....
ऐसी सरल धाराप्रवाह रचना अपना निश्चित प्रवाह छोडती है ! शुभकामनायें महेंद्र भाई !
nav -varshh par likhi aapki pratham post hriday -grahi hai,sir.
ReplyDeleteहृदय में हो नेहपूरित-
भावना सबके लिए,
यों परस्पर मान की,
सम्मान की बातें करें
bahut bahutbadhi nav varshh me kuchh naye sankalp ke saath.
poonam
बहुत सुंदर वर्मा जी - रचना पढवाने के लिए आभार तथा नव वर्ष की मंगल कामना
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