शाश्वत शिल्प

विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति

▼
Showing posts with label देवता. Show all posts
Showing posts with label देवता. Show all posts

बातों का फ़लसफ़ा

›
  ज़रा-ज़रा इंसाँ   होने से मन को सुकून मिलना तय है ]   अगर देवता बन बैठे तो हरदम दोष निकलना तय है । सूरज गिरा क्षिति...
13 comments:

देवता

›
आदमी को आदमी-सा फिर बना दे देवता, काल का पहिया ज़रा उल्टा घुमा दे देवता। लोग सदियों से तुम्हारे नाम पर हैं लड़ रहे, अक़्ल के दो दाँत उनके फ...
15 comments:
›
Home
View web version

About Me

My photo
महेन्‍द्र वर्मा
View my complete profile
Powered by Blogger.