शाश्वत शिल्प

विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति

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सपना

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ना सच है ना झूठा है, जीवन केवल सपना है। कुछ सोए कुछ जाग रहे, अपनी-अपनी दुनिया है। सत्य बसा अंतस्तल में, बाहर मात्र छलावा है। दुख न...
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महेन्‍द्र वर्मा
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