शाश्वत शिल्प
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बुरा लग रहा था
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कोई शख़्स ग़म से घिरा लग रहा था, हुआ जख़्म उसका हरा लग रहा था। मेरे दोस्त ने की है तारीफ़ मेरी, किसी को मग़र ये बुरा लग रहा था। ये ...
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तेरा-मेरा-सब का
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सबसे ज्यादा अपना है, वह जो मेरा साया है। मन की आंखें खुल जातीं, दिल में अगर उजाला है। कुछ आखर कुछ मौन बचा, यह मेरा सरमाया है। दुन...
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नेह का दीप
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सहमे से हैं लोग न जाने किसका डर है, यही नज़ारा रात यही दिन का मंजर है। दुनिया भर की ख़ुशियां नादानों के हिस्से, अल्लामा को दुख सहते देखा अक...
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हमन है इश्क मस्ताना
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क्या यह हिंदी की पहली ग़ज़ल है ? कबीर साहब का प्रमुख ग्रंथ ‘बीजक‘ माना जाता है। इसमें तीन प्रकार की रचनाएं सम्मिलित हैं- साखी, सबद और ...
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