शाश्वत शिल्प
विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति
(Move to ...)
Home
▼
संत चरणदास
›
वि.सं. 1760 की भाद्रपद शुक्ल तृतीया, मंगलवार को मेवात के अंतर्गत डेहरा नामक स्थान में संत चरणदास का जन्म हुआ था। इनका पूर्व नाम रणजीत थ...
26 comments:
अजीब लोग हैं
›
नसीब को हैं कोसते अजीब लोग हैं, यूं ज़िदगी गुजारते, अजीब लोग हैं। हमने कहा जो हां मगर, उसने कहा नहीं, हर बात को नकारते, अजीब लोग ह...
30 comments:
गुरु नानकदेव जी
›
आदिगुरु नानकदेव जी का जन्म 15 अप्रेल, 1469 ईस्वी को पंजाब के तलवंडी नामक स्थान में हुआ था। तलवंडी लाहौर से 30 मील दूर स्थित है और अब ‘न...
17 comments:
खामोशी भी कह देती हैं सारी बातें
›
तनहाई में जिनको सुकून सा मिलता है, आईना भी उनको दुश्मन सा लगता है। किसको आखि़र हम अपनी फरियाद सुनाएं, हर चेहरा फरियादी जैसा ही दिखत...
37 comments:
संत ज्ञानेश्वर
›
मराठी भाषा की गीता माने जानी वाली ‘ज्ञानेश्वरी‘ के रचयिता संत ज्ञानेश्वर महान संत गोरखनाथ की परम्परा में हुए। इनका जन्म सन 1275 ई. मा...
13 comments:
दो बाल गीत
›
बाल दिवस विशेष 1 . गुड्डा बहुत सयाना जी, सीखा हुकुम चलाना जी। पापा से बातें है करनी, ऑफिस फोन लगाना जी। टामी क्यों भौं-भौं करत...
22 comments:
क्या आप बोलने की कला जानते हैं ?
›
प्रसिद्ध ग्रीक दार्शनिक सुकरात के पास एक युवक भाषण कला सीखने के उद्देश्य से आया। सुकरात ने स्वीकृति तो दी किंतु दुगुने शुल्क की मांग की। यु...
12 comments:
क्या जीवन भी है सतरंगी
›
झरने की बूंदों पर घुलती, किरणें देखा करते हैं, क्या जीवन भी है सतरंगी, अक्सर सोचा करते हैं। कभी कभी ग़म अनुवादित हो ढल जाते हैं आंसू म...
30 comments:
‹
›
Home
View web version