शाश्वत शिल्प
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कैलेण्डर की कहानी
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तिथि, माह और वर्ष की गणना के लिए ईस्वी सन् वाले कैलेण्डर का प्रयोग आज पूरे विश्व में हो रहा है। यह कैलेण्डर आज से 27...
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है कैसा दस्तूर
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भूल चुके हैं हरदम साथ निभाने वाले, याद किसे रखते हैं आज ज़माने वाले। दूर कहीं जाकर बहलाएं मन को वरना, चले यहां भी आएंगे बहकाने वाले।...
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आप भी
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‘ग़र अकेले ऊब जाएं आप भी, आईने से दिल लगाएं आप भी। देखिए शम्आ की जानिब इक नज़र, ज़िदगी को यूं लुटाएं आप भी। हर अंधेरे में नहीं ...
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तितलियों का ज़िक्र हो
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प्यार का, अहसास का, ख़ामोशियों का ज़िक्र हो, महफिलों में अब जरा तन्हाइयों का ज़िक्र हो। मीर, ग़ालिब की ग़ज़ल या, जिगर के कुछ शे‘र हो...
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नया ज़माना
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नाकामी को ढंकते क्यूं हो, नए बहाने गढ़ते क्यूं हो ? रस्ते तो बिल्कुल सीधे हैं, टेढ़े-मेढ़े चलते क्यूं हो ? तुमने तो कुछ किया ...
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गुज़रा हुआ ज़माना ढूंढ
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लम्हा एक पुराना ढूंढ, फिर खोया अफ़साना ढूंढ। वे गलियां वे घर वे लोग, गुज़रा हुआ ज़माना ढूंढ। भला मिलेगा क्या गुलाब से, बरगद ...
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सारी दुनिया
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तेरा मुझसे क्या नाता है, पूछ रही है सारी दुनिया, अपनी मर्जी का मालिक बन, अड़ी खड़ी है सारी दुनिया। बारूदी पंखुड़ी लगा कर, का...
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संत चरणदास
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वि.सं. 1760 की भाद्रपद शुक्ल तृतीया, मंगलवार को मेवात के अंतर्गत डेहरा नामक स्थान में संत चरणदास का जन्म हुआ था। इनका पूर्व नाम रणजीत थ...
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