शाश्वत शिल्प

विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति

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जानना और समझना

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                                   जो जानते हैं, जरूरी नहीं कि वे समझते भी हों। लेकिन जो समझते हैं, वे जानते भी हैं। जानना पहले होता है, स...
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पितर-पूजन का पर्व

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                                     आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की कोई  तिथि। अभी सूर्योदय में कुछ पल शेष है। छत्तीसगढ़ के एक गांव का घर। ...
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जिस्म पर फफोले

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पराबैगनी किरणों के एक समूह ने ओजोन छिद्र से धरती की ओर झांका सयानी किरणों के निषेध के बावजूद कुछ ढीठ, उत्पाती किरणें धरती पर...
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नेह का दीप

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सहमे से हैं लोग न जाने किसका डर है, यही नज़ारा रात यही दिन का मंजर है। दुनिया भर की ख़ुशियां नादानों के हिस्से, अल्लामा को दुख सहते देखा अक...
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उर की प्रसन्नता

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दोनों हाथों की शोभा है दान करने से अरु, मन की शोभा बड़ों का मान करने से है। दोनों भुजाओं की शोभा वीरता दिखाने अरु, मुख की शोभा तो प्यारे सच...
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बिना बोले

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विपत बनाती मनुज को, दुर्बल न बलवान, वह तो केवल यह कहे, क्या है तू, ये जान। कौन, कहां मैं, किसलिए, खुद से पूछें आप, सहज विवेकी बन रहें, कम ह...
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संत बाबा किनाराम

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                                   बनारस  जिले की चंदौली तहसील के रामगढ़ गांव में अकबर सिंह और मनसा देवी के घर जिस बालक ने जन्म लिया वही प्...
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वर्तमान की डोर

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ज्ञान और ईमान अब, हुए महत्ताहीन, छल-प्रपंच करके सभी, धन के हुए अधीन। बिना परिश्रम ही किए, यदि धन होता प्राप्त, वैचारिक उद्भ्रांत से,...
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महेन्‍द्र वर्मा
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