शाश्वत शिल्प
विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति
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पूजा से पावन
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जाने -पहचाने बरसों के फिर भी वे अनजान लगे, महफ़िल सजी हुई है लेकिन सहरा सा सुनसान लगे । ...
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तितलियों का ज़िक्र हो
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प्यार का, अहसास का, ख़ामोशियों का ज़िक्र हो, महफ़िलों में अब ज़रा तन्हाइयों का ज़िक्र हो। मीर, ग़ालिब की ग़ज़ल या, जिगर के कुछ शे‘र ह...
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ऊबते देखे गए
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भीड़ में अस्तित्व अपना खोजते देखे गए, मौन थे जो आज तक वे चीखते देखे गए। आधुनिकता के नशे में रात दिन जो चूर थे, ऊब कर फिर ज़िंदगी से भा...
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तबला वादन में ख्यातिलब्ध महिलाएँ
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हिंदुस्तानी संगीत में तालवाद्यों में तबला सबसे अधिक प्रतिष्ठित वाद्ययंत्र है । शास्त्रीय संगीत हो या सुगम, गायन-वादन हो ...
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जो भी होगा अच्छा होगा
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जो भी होगा अच्छा होगा, फिर क्यूँ सोचें कल क्या होगा । भले राह में धूप तपेगी, मंज़िल पर तो साया होगा । दिन को ठोकर खाने वाले, ...
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अनुभव का उपहार
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समर भूमि संसार है, विजयी होते वीर, मारे जाते हैं सदा, निर्बल-कायर-भीर। मुँह पर ढकना दीजिए, वक्ता होए शांत, मन के मुँह को ढाँकना, कारज...
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कुछ और
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मेरा कहना था कुछ और, उसने समझा था कुछ और । धुँधला-सा है शाम का सफ़र, सुबह उजाला था कुछ और । गाँव जला तो बरगद रोया, उसका दुखड़ा था कुछ और । अ...
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बरगद माँगे छाँव
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सूरज सोया रात भर, सुबह गया वह जाग, बस्ती-बस्ती घूमकर, घर-घर बाँटे आग। भरी दुपहरी सूर्य ने, खेला ऐसा दाँव, पानी प्यासा हो गया, बरगद माँ...
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