शाश्वत शिल्प

विज्ञान-कला-साहित्य-संस्कृति

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ग़ज़ल

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भीड़ में अस्तित्व अपना खोजते देखे गए, मौन थे जो आज तक वे चीखते देखे गए। आधुनिकता के नशे में रात दिन जो चूर थे, ऊब कर फिर जि़ंदगी से भ...
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दोहे

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समर भूमि संसार है, विजयी होते वीर, मारे जाते हैं सदा, निर्बल-कायर-भीर। मुँह पर ढकना दीजिए, वक्ता होए शांत, मन के मुँह को ढाँकना, कारज ...
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क्षणिकाएँ

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1. हम तो   अक्षर हैं निर्गुण-निरर्थक तुम्हारी जिह्वा के खिलौने अब  यह तुम पर है कि तुम हमसे गालियाँ बनाओ या गीत 2. मैंने तो...
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संत दीन दरवेश

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सूफी संत दीन दरवेश के जन्मकाल के संबंध में कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिलती। एक मत के अनुसार इनका जन्म विक्रम संवत 1810 में उदयपुर के निकट गु...
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गीतिका : दिन

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सूरज का हरकारा दिन, फिरता मारा-मारा दिन। कहा सुबह ने हँस लो थोड़ा,  फिर रोना है सारा दिन। जिनकी किस्मत में अँधियारा, तब क्या बने...
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दो कविताएँ

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एक उस दिन आईने में मेरा प्रतिबिंब कुछ ज्यादा ही अपना-सा लगा मैंने उससे कहा- तुम ही हो  मेरे सुख-दुख के साथी मेरे अंतरंग मित्र ! प...
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भक्ति संगीत

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पूजा से स्तोत्र करोड़ गुना श्रेष्ठ है, स्तोत्र से जप करोड़ गुना श्रेष्ठ है, जप से करोड़ गुना श्रेष्ठ गान है। गान से बढ़कर उपासना का अन्य क...
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हमन है इश्क मस्ताना

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क्या यह हिंदी की पहली ग़ज़ल है ? कबीर साहब का प्रमुख ग्रंथ ‘बीजक‘ माना जाता है। इसमें तीन प्रकार की रचनाएं सम्मिलित हैं- साखी, सबद और ...
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महेन्‍द्र वर्मा
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