छ.ग. प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन, ज़िला इकाई, बेमेतरा के तत्वावधान में मेरा काव्य संग्रह ‘‘श्वासों का अनुप्रास’’ का विमोचन देश के सुपरिचित व्यंग्यकार, कवि और पत्रकार श्री गिरीश पंकज और प्रसिद्ध भाषाविद्, गीतकार और संगीतज्ञ डॉ. चित्तरंजन कर के करकमलों से दिनांक 11 मार्च, 2018 को बेमेतरा में संपन्न हुआ । इस काव्य संग्रह में ‘‘शाश्वत शिल्प’’ में प्रकाशित पद्य रचनाएं सम्मिलित हैं जिसे अभिव्यक्ति प्रकाशन, दिल्ली ने प्रकाशित किया है ।
कार्यक्रम में दुर्ग के छंदकार श्री अरुण निगम, छ.ग. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव, साहित्यकार श्री बलदाउ राम साहू, खैरागढ़ के वरिष्ठ गीतकार डॉ. जीवन यदु ‘राही’, गंडई के साहित्यकार डॉ. पीसी लाल यादव, लोक कवि और गायक श्री सीताराम साहू ‘श्याम’, रायपुर के श्री रामशरण सिंह, सेवानिवृत्त उपायुक्त, अ.जा. एवं अ.ज.जा. कल्याण विभाग, छ.ग. विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे । सभी अतिथियों ने विमोचित कृति पर अपने विचार व्यक्त किए ।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में डॉ. चित्तरंजन कर ने ‘‘श्वासों का अनुप्रास’’ के कुछ गीतों और ग़ज़लों का सुमधुर गायन प्रस्तुत किया ।
आयोजन की कुछ छवियां प्रस्तुत हैं-
6 comments:
आपको बहुत बहुत बधाई महेंद्र जी. पुस्तक का प्रकाशन ऐसा आनंद देता है जैसा संतान उत्पत्ति पर होता है. प्रसव पीड़ा भी और उत्तराधिकारी जैसा कुछ पाने का भी.
ढेरों हार्दिक शुभकामनाएँ.
धन्यवाद, आदरणीय भूषण जी ।
आपके काव्यसंग्रह के विमोचन पर सम्मिलित होने का सौभाग्य पाकर अत्यंत प्रसन्नता हुई....अविस्मरणीय क्षण
संग्रह के विमोचन की हार्दिक बधाई ...
आपने बहुत की लाजवाब संकलन निकाला है ... आलू रचनाएँ बहुत कमाल हैं ... सामाजिक परिवेश को बख़ूबी लिखा है आपने ...
आपको हार्दिक अभिनंदन एवं शुभकामनाएँ ।
बहुत दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर प्रणाम स्वीकार करें महेंद्र जी आज ब्लॉग पर आते ही अत्यंत प्रसन्नता हुई की श्वासों का अनुप्रास आपका संग्रह प्रकाशित हुआ है सबसे पहले.......संग्रह के विमोचन की हार्दिक बधाई !!
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