घर का कोना-कोना उजला हुआ करे तो अच्छा हो,
मन के भीतर में भी दीपक जला करे तो अच्छा हो।
कहते हैं कुछ लोग कि कोई ऊपर वाला सुनता है,
तेरा मेरा उसका सबका भला करे तो अच्छा हो।
बैठे-ठालों के घर पर क्यों धन की बारिश होती है,
मिहनतकश लोगों के आँँगन गिरा करे तो अच्छा हो।
ढोंग और पाखंड तुले हैं नाश उजाले का करने,
एक दिया इनके मरने की दुआ करे तो अच्छा हो।
स्वस्थ-सुखी-समृद्ध सभी हों कहती है ये दीवाली,
शुभ की यही कामना सबको फला करे तो अच्छा हो।
त्योहारें तो मौसम-से हैं आते जाते रहते हैं,
अंतस्तल में रोज दिवाली हुआ करे तो अच्छा हो।
केवल वे ही सुन पाते हैं जिनको सुनना आता है,
इन बातों को सुनकर कोई जिया करे तो अच्छा हो।
सभी मित्रों को दीपावली की अशेष शुभकामनाएँँ।
-महेन्द्र वर्मा
8 comments:
ढोंग और पाखंड तुले हैं नाश उजाले का करने,
एक दिया इनके मरने की दुआ करे तो अच्छा हो।
अर्थपूर्ण, शुभकामनायें आपको भी
अनुपम प्रस्तुति......आपको और समस्त ब्लॉगर मित्रों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ......
नयी पोस्ट@बड़ी मुश्किल है बोलो क्या बताएं
Very Nice Post...
Happy Diwali
आपका कथन सार्थक हो जाए तो अच्छा हो !
बहुत सुन्दर व शुभ कामनाएँ है आदरणीय
केवल वे ही सुन पाते हैं जिनको सुनना आता है,
इन बातों को सुनकर कोई जिया करे तो अच्छा हो।
त्योहारें तो मौसम-से हैं आते जाते रहते हैं,
अंतस्तल में रोज दिवाली हुआ करे तो अच्छा हो।..
असल दिवाली तो यही है ... बस इस एक शेर में पूरा सार लिख दिया ... उम्दा ग़ज़ल ...
हर पंक्ति ने एक दिया जलाया है. बहुत सुंदर.
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