बाल दिवस विशेष
1.
गुड्डा बहुत सयाना जी,
सीखा हुकुम चलाना जी।
पापा से बातें है करनी,
ऑफिस फोन लगाना जी।
टामी क्यों भौं-भौं करता है,
उसको दूर भगाना जी।
आंसू क्यों टप-टप टपकाते,
छोड़ो रोना-धोना जी।
अच्छे गाते हो तुम चिंटू,
एक सुना दो गाना जी।
अब सोने दो रात हो गई,
ऊधम नहीं मचाना जी।
जाना है स्कूल सबेरे,
जल्दी मुझे जगाना जी।
2.
गोल है चंदा सूरज गोल,
दीदी, क्या तारे भी गोल।
चूहा चूं-चूं चिड़िया चीं,
चींटी की क्या बोली बोल।
कोयल इतनी काली पर क्यों,
कानों में रस देती घोल।
सात समंदर भरे पड़े पर,
पानी क्यों इतना अनमोल।
मां से भी पूछा था मैंने,
पर वे करतीं टालमटोल।
-महेन्द्र वर्मा
1.
गुड्डा बहुत सयाना जी,
सीखा हुकुम चलाना जी।
पापा से बातें है करनी,
ऑफिस फोन लगाना जी।
टामी क्यों भौं-भौं करता है,
उसको दूर भगाना जी।
आंसू क्यों टप-टप टपकाते,
छोड़ो रोना-धोना जी।
अच्छे गाते हो तुम चिंटू,
एक सुना दो गाना जी।
अब सोने दो रात हो गई,
ऊधम नहीं मचाना जी।
जाना है स्कूल सबेरे,
जल्दी मुझे जगाना जी।
2.
गोल है चंदा सूरज गोल,
दीदी, क्या तारे भी गोल।
चूहा चूं-चूं चिड़िया चीं,
चींटी की क्या बोली बोल।
कोयल इतनी काली पर क्यों,
कानों में रस देती घोल।
सात समंदर भरे पड़े पर,
पानी क्यों इतना अनमोल।
मां से भी पूछा था मैंने,
पर वे करतीं टालमटोल।
-महेन्द्र वर्मा