लम्हा एक पुराना ढूंढ,
फिर खोया अफ़साना ढूंढ।
वे गलियां वे घर वे लोग,
गुज़रा हुआ ज़माना ढूंढ।
भला मिलेगा क्या गुलाब से,
बरगद एक सयाना ढूंढ।
लोग बदल से गए यहां के,
कोई और ठिकाना ढूंढ।
कुदरत में है तरह तरह के,
सुंदर एक तराना ढूंढ।
दिल की गहराई जो नापे,
ऐसा इक पैमाना ढूंढ।
प्रेम वहीं कोने पर बैठा,
दिल को ज़रा दुबारा ढूंढ।
जिस पर तेरा नाम लिखा हो,
ऐसा कोई दाना ढूंढ।
- महेन्द्र वर्मा