अन्ना दादा, वाह !


जीता जन का तंत्र है, हारे तानाशाह,
गूंज रहा चहुं ओर है, अन्ना दादा वाह।
अन्ना दादा वाह, पहन कर टोपी खादी,
असली आजादी की तुमने झलक दिखादी।
भ्रष्टाचारी दुखी कि अब उनका युग बीता,
बारह दिन का युद्ध सजग जनता ने जीता।

                                                                  -महेंद्र वर्मा

45 comments:

DR. ANWER JAMAL said...

लोग कहते रहे हैं कि मनमोहन जी एक ईमानदार आदमी हैं।

ये कहीं के ईमानदार नहीं हैं।

हमारे प्रधानमंत्री एक कमज़ोर और अक्षम प्रधानमंत्री हैं।

इन्हें सोनिया जी ने इस कुर्सी पर इस लिए बैठा दिया है कि जगह ख़ाली न रहे और जब राहुल जी पूरी फ़ॉर्म में आ जाए तो इन्हें आर्डर देकर हटाया जा सके। कोई लायक़ प्रधानमंत्री होगा तो सीट हमेशा के लिए चली जाएगी ख़ानदान के हाथ से। एक डमी के रोल में हैं पीएम साहब।

जो आदमी पूरे देश के साथ पीएम होने की एक्टिंग कर रहा हो , वह कैसा ईमानदार ?

Unknown said...

महेंद्र जी सामयिक दोहों ने मन मोह लिया ..
अन्ना दादा तुम्हे सलाम..

www.navincchaturvedi.blogspot.com said...

जब ये चाहेगा बादल देगा ज़माने का मिज़ाज़
सिर्फ क़ानूनों की इज्ज़त कर रहा है आदमी

जन मन की थाह लगाना वाक़ई मुश्किल होता है
काश हमारे नेता लोग इसे समझ पाएँ

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

बढ़िया कुंडली लिखी है आदरणीय महेंद्र वर्मा जी !
बहुत बधाई !

भ्रष्टाचारियों और तानाशाहों से मुक्ति पाने के लिए
अब लगातार यह याद रखना है , और संपर्क में आने वाले हर शख़्स को निरंतर याद दिलाते रहना है , प्रेरित करते रहना है कि चुनाव के वक़्त सही आदमी को वोट देना है …
और मतदान आवश्यक कार्य मानते हुए पूरे दायित्व तथा समझ के साथ सही व्यक्ति/सही पार्टी को वोट देना है !

Apanatva said...

mahendrajee aapke lekhan ko dil se naman .
aapka lekhan aadarsh haimera .
Aabhar

संतोष त्रिवेदी said...

bilkul sahi kahaa.anna ab is desh ke naye bhagvaan ban gaye hain !

रेखा said...

शानदार और लाजबाब लगा जीत का जश्न .

रेखा said...

मैंने फेसबुक पर आपकी इस रचना को शेयर किया है .

Bharat Bhushan said...

बहुत सुंदर तरीके से वर्तमान को कह दिया है. वर्मा जी, बधाई हो आपको.

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

खूबसूरत कुंडलिया....
अन्ना दादा को सलाम...
जयहिंद..

virendra sharma said...

जीता जन का तंत्र है, हारे तानाशाह,
गूंज रहा चहुं ओर है, अन्ना दादा वाह।
अन्ना दादा वाह, पहन कर टोपी खादी,
असली आजादी की तुमने झलक दिखादी।
भ्रष्टाचारी दुखी कि अब उनका युग बीता,
बारह दिन का युद्ध सजग जनता ने जीता।

virendra sharma said...

महेंद्र वर्मा जी यथार्थ उकेर दिया ,इसे आइन्दा के शिला लेखों पर लिख दो .शुक्रिया इतने खूब सूरत एहसासात का .-------अन्ना तुझे सलाम ,जन मन तुझे सलाम ,अन्ना महेंद्र तुझे सलाम . http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
Saturday, August 27, 2011
अन्ना हजारे ने समय को शीर्षासन करवा दिया है ,समय परास्त हुआ जन मन अन्ना विजयी .

शनिवार, २७ अगस्त २०११
संसद को इस पर भी विचार करना चाहिए .
सांसद एक छोटे से भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है ,भले वह बाजू बल ,झूठ बल ,जाति- बल, छल कपट फरेब से जीत कर संसद में चले आने में कामयाब रहता है .आने को फूलन देवी जी भी संसद में आ गईं थीं .आज भी अनेक चोर उच्चके संसद में आ गएँ हैं .सविधान निर्माताओं ने सोचा नहीं होगा एक दिन पशुओं का चारा भी हजम करने वाले संसद में आ जायेंगें .और यहाँ आकर मजमा लगायेंगें ,चुटकले सुनायेंगे ,देश की नैतिक शक्ति और बल का उपहास उड़ाएंगें ।
सवाल आज यह मुखरित है :आम आदमी का पैसा ऐसे लोगों पर क्यों अपव्य किया जाए .जो संसद में आके चुटकले सुनातें हैं .जोकर की भूमिका निभातें हैं .पान का बीड़ा मुंह में लगाके गोल गोल घुमातें हैं .भाषा को भ्रष्ट करके बोलतें हैं ।
और अगर संसद में ऐसे जोकरों की ज़रुरत कभी कभार पड़ती है तो वह बाहर से भी बुलाये जा सकतें हैं .किराए पर पैसे देकर .उन्हें पहले तनखा और बाद में ताउम्र पेंशन देने की कहाँ ज़रुरत है .
और अगर लचर कानूनी प्रावधानों की आड़ में आ ही गए हैं ,नैतिकता को ताक पे रखके तो संसद के स्पीकर को लालू जैसे प्राणियों को राष्ट्रीय मुद्दों पर बोलने का हक़ नहीं देना चाहिए ।
निर्बुद्ध लालू जी को यह समझ ही नहीं आता क़ि नैतिक बल अश्व बल से,संख्या बल से ,वोटों के सिरों सेबहुत बड़ा होता है .लालू जी का दुर्भाग्य जिस जनता की अदालत में जाने की बात ,बात- बात में वह करतें हैं उसी जन अदालत का कल संसद में अपमान कर गए जिसके प्रतिनिधि आज देश की नैतिक ताकत के प्रतीक अन्ना जी हैं .
माननीय अन्ना जी ने संसद में "जन लोक पाल "मुद्दे पर लालू के अनर्गल प्रलाप का जो करारा ज़वाब दिया है हम तो वहां तक सोच भी नहीं सकते-"लालू जी आपका काम बच्चे पैदा करना है ,आप क्या जाने ब्रह्मचर्य व्रत क्या होता है ।उसकी आंच क्या होती है .
संसद के लिए यह विचारणीय होना चाहिए आइन्दा के लिए संसद के फ्लोर पर ऐसे जोकरों को उतारकर संसद की ठेस न लगने दी जाए .

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

अन्ना ने कमाल कर दिया..... सोये हुए भारतियों को एक बार फिर जगा दिया.

Asha Lata Saxena said...

बहुत सुन्दर पंक्तियाँ |
बधाई |
आशा

Sushil Bakliwal said...

जन के तंत्र की ताकत देखने के बाद भी ये तानाशाह अपने दांव-पेंच दिखाने से बाज आ पावें यही गनीमत होगी ।

Shikha Kaushik said...

अन्ना दादा वाह-महेंद्र वर्मा जी वाह

Shalini kaushik said...

भ्रष्टाचारी दुखी कि अब उनका युग बीता,
बारह दिन का युद्ध सजग जनता ने जीता।
bahut sahi kaha hai aapne .hamari aur se bhi bahut bahut badhai.

Urmi said...

बहुत सुन्दर लिखा है आपने ! सच्चाई को बड़े ही सुन्दरता से शब्दों में पिरोया है! आपकी लेखनी को सलाम! बेहतरीन प्रस्तुती!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

Kunwar Kusumesh said...

बहुत सुन्दर और सामयिक लिखा है.

रविकर said...

बधाई : देश-वासियों को

स्वामी फिर पकड़ा गया, धरे शिखंडी-वेश,
सिब्बल के षड्यंत्र से, धोखा खाता देश,

धोखा खाता देश, वस्त्र भगवा का दुश्मन,
टीमन्ना से द्वेष, कराता उनमे अनबन,

अग्नि का उद्देश्य, पकाता अपनी खिचड़ी,
है धरती पर बोझ, बुनाये जाला-मकड़ी ||

सदा said...

बेहद सार्थक एवं सटीक लेखन ... आभार ।

vidhya said...

aathi sundar

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर और सार्थक भाव और उनकी ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति..

ZEAL said...

आदरणीय महेंद्र जी , बहुत सुन्दर दोहों में अभिव्यक्त किया है सभी देशवासियों की ख़ुशी को । It's party time !..Let's celebrate.

.

ASHOK BAJAJ said...

सुन्दर रचना .
सोमवती अमावस्या एवं पोला पर्व की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं .

ashish said...

भ्रष्टाचार के पदघात से ,जन जीवन शुचिता से क्षीण हुआ
स्वर्ण मरीचि के भ्रम में , ह्रदय मानवता का विदीर्ण हुआ
जगो आर्यवर्त के सिंहो ,जाग्रति की अलख जगानी है
कृशकाया पर दृढ प्रतिज्ञ ने , गण मन में भर दी रवानी है ,

Amit Chandra said...

अभी के समय के लिए खूबसूरत रचना.

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

एक हल्की फुल्की मगर गहरे भावों से सजी और सुगन्धित रचना!!

ज्योति सिंह said...

bahut hi achchha likha hai aapne ,ramrajya ka swapn avam navodaya ki kalpana ko saakar karne ke liye gandhi ka janm jaroori hai .jai hind .

संजय भास्‍कर said...

सुंदर भावाभिव्यक्ति...महेंद्र जी

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

देश की मौजूदा हालात पे आपने बहुत सुन्दर कुंडली लिख दी है ...

Vivek Jain said...

बहुत सुंदर प्रस्तुति,


एक चीज और, मुझे कुछ धर्मिक किताबें यूनीकोड में चाहिये, क्या कोई वेबसाइट आप बता पायेंगें,
आभार- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) said...

वर्मा जी की कुण्डली ,समझो गौरव-गान
सुंदरता से कर दिया,मन का हर्ष बखान.
मन का हर्ष बखान,टोपी की महिमा गा दी.
और बताया कितनी शक्तिशाली है खादी.
हुई जनता की जीत,गायें सब झूम के करमा
दोहे मस्ती भरे सुनायें अन्ना महेंद्र वर्मा.

सुधीर राघव said...

बहुत सुन्दर

Maheshwari kaneri said...

देश की मौजूदा हालात पे आपने बहुत सुन्दर कुंडली लिखी है ...बहुत सुंदर प्रस्तुति,

महेन्‍द्र वर्मा said...

श्री विवेक जैन जी,
नमस्कार

यूनिकोड में धार्मिक किताबों की कोई वेबसाइट मैं नहीं खोज पाया हूं।

लेकिन पी.डी.एफ. में बहुत सी धार्मिक किताबें इस लिंक पर उपलब्ध हैं-
http://deepak.esmartguy.com/books.htm#

सादर
महेंद्र वर्मा

Anonymous said...

सही और सटीक

गणेशोत्सव की बधाई और मंगल कामना

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

अन्ना दादा वाह !
सही कहा वर्मा जी ....बढ़िया प्रस्तुति

Mirchiya Manch said...

बहुत सुन्दर

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

जै अन्‍नागीरी।

------
कसौटी पर अल्‍पना वर्मा..
इसी बहाने बन गया- एक और मील का पत्‍थर।

दिगम्बर नासवा said...

अब तो पूरा देश अन्ना ही अन्ना हो रहा है ... जय हो अन्ना की ..

virendra sharma said...

अन्ना दादा, वाह !

जीता जन का तंत्र है, हारे तानाशाह,
गूंज रहा चहुं ओर है, अन्ना दादा वाह।
अन्ना दादा वाह, पहन कर टोपी खादी,
असली आजादी की तुमने झलक दिखादी।
भ्रष्टाचारी दुखी कि अब उनका युग बीता,
बारह दिन का युद्ध सजग जनता ने जीता।
फिर बोले हैं अन्ना जी !दिग्विजय सिंह जी ने अपने स्वर बदलें हैं .चलो आर एस एस के हाथ में राष्ट्री ध्वज की बात तो उन्होंने की .कहतें हैं संतन ढिंग बैठ बैठकी बड़े काम की चीज़ है "राघो गढ़ी राजा मेरे ".

Unknown said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...

Wah: Masha Allah subhan Allah
Waqayi Sufi sant apne peer ki khatir ishaq me lut jate Hain



Sufiyon ka raasta bilkul alag hot hai