बहुत सुंदर कविता जो कदम-दर-कदम जीवन जीने के नुक़्ते बताती चलती है. कभी बात ख़ुद से भी कर ले, तेरे घर आईना होगा । अंततः ख़ुद को अपने ही आईने में परखना और सँवरना होता है. बहुत ख़ूब महेंद्र जी.
नाम वही, काम वही लेकिन हमारा पता बदल गया है। आदरणीय ब्लॉगर आपने अपने ब्लॉग पर iBlogger का सूची प्रदर्शक लगाया हुआ है कृपया उसे यहां दिए गये लिंक पर जाकर नया कोड लगा लें ताकि आप हमारे साथ जुड़ें रहे। इस लिंक पर जाएं ::::: http://www.iblogger.prachidigital.in/p/best-hindi-poem-blogs.html
10 comments:
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " होरी को हीरो बनाने वाले रचनाकार मुंशी प्रेमचंद “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
‘‘ब्लाग बुलेटिन’’ के प्रति आभार ।
बहुत बढ़िया पंक्तियाँ
बहुत सुंदर कविता जो कदम-दर-कदम जीवन जीने के नुक़्ते बताती चलती है.
कभी बात ख़ुद से भी कर ले,
तेरे घर आईना होगा ।
अंततः ख़ुद को अपने ही आईने में परखना और सँवरना होता है. बहुत ख़ूब महेंद्र जी.
दिन को ठोकर खाने वाले ...
वाह .. बहुत ही लाजवाब शेर हैं इस ग़ज़ल में ... दिल में सीधे उतरते हैं ...
कभी बात ख़ुद से भी कर ले,
तेरे घर आईना होगा ।
...वाह...बहुत सुन्दर...सभी अशआर लाज़वाब...
कभी बात ख़ुद से भी कर ले,
तेरे घर आईना होगा ।
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शब्द ऐसे जी दिल में सीधे उतरते हैं
waah bahut khoob
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आमीन ।
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