इंसान की बातें करें

नूतन वर्ष की प्रथम रचना


सृजन का संकल्प लें,
निर्माण की बातें करें।
कामनाएं शुभ करें,
कल्याण की बातें करें।


जन्म लेता है उजाला,
हर तमस के गर्भ से,
क्यों नही तब आज स्वर्ण-
विहान की बातें करें।


अनुकरण उनका करें जो,
विश्व के आदर्श हैं,
न्याय के पथ पर चलें,
ईमान की बातें करें।


हृदय में हो नेहपूरित-
भावना सबके लिए,
यों परस्पर मान की,
सम्मान की बातें करें।


बढ़ चले हैं राह पर,
अब पग नहीं पीछे हटें,
प्रगति के सोपान की,
उत्थान की बातें करें।


है प्रकृति का नेह हम पर,
जान लें पहचान लें,
दृष्टि वैसी दे सके,
उस ज्ञान की बातें करें।


बात तो करते रहे हैं,
हम सदा भगवान की,
अब चलो ऐसा करें,
इंसान की बातें करें।

                                 -महेन्द्र वर्मा

37 comments:

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

सत्य वचन! नववर्ष में इतना ही हो जाये तो राष्ट्रनिर्माण की दिशा तय हो सकेगी!!
2011 की शुभकामनाएँ!!

ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηι said...

अब चलो ऐसा करें
इन्सान की बातें करें।

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ,
रवानी ग़ज़ब की ।

ashish said...

सृजन का संकल्प लें,
निर्माण की बातें करें।
कामनाएं शुभ करें,
कल्याण की बातें करें।

सत्य वचन , अगर हम अपनी उर्जा धनात्मक कार्यो में लगा दे तो देश और समाज का कल्याण होगा और ऐसा होना ही चाहिए . सुन्दर रचना के लिए आभार .

उपेन्द्र नाथ said...

बहुत ही अच्छे सदविचार ..... सुंदर प्रस्तुति.

मनोज कुमार said...

आप रचनात्मक ऊर्जा से भरे हुए हैं। आपकी रचनात्मक ऊर्जा देख कर रश्क होता है। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
नए साल का पहला विचार

Dorothy said...

खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
सादर,
डोरोथी.

mridula pradhan said...

bahut achchi baat hai.

ZEAL said...

सृजन का संकल्प लें,
निर्माण की बातें करें।
कामनाएं शुभ करें,
कल्याण की बातें करें.....

सार्थक विचारों से भरपूर , नए वर्ष की प्रथम कविता के लिए बधाई।

कडुवासच said...

... bahut sundar ... prasanshaneey rachanaa !!

जयकृष्ण राय तुषार said...

navvarsh ki hardik shubhkamnayen.sundar kavita badhai

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

वाह क्या बात है ... बेहतरीन रचना ... आप इतनी सुन्दर कैसे लिख लेते हैं ?
नववर्ष की शुभकामनायें !

Arun sathi said...

सृजन का संकल्प लें,
निर्माण की बातें करें।
कामनाएं शुभ करें,
कल्याण की बातें करें।

सुन्दर

बधाई

नये साल की हार्दीक शुभकामनाए..

रश्मि प्रभा... said...

बात तो करते रहे हैं,
बस अब ज्ञान की बातें करें।
naye varsh ka sankalp shirodhary karen milker

Sushil Bakliwal said...

अब चलो ऐसा करें,
इंसान की बातें करें।
बहुत उत्तम भावनाएँ. उत्तम रचना...

Bharat Bhushan said...

'बात तो करते रहे हैं, हम सदा भगवान की,
अब चलो ऐसा करें, इंसान की बातें करें।'

आने वाले समय का संकेत देती बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ. इस कविता में वो बात है.

Manish aka Manu Majaal said...

आमीन !
लिखते रहिये ...

vandana gupta said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

लाल कलम said...

आप की एक एक पंक्तियाँ प्रशंसनीय हैं |
बहुत सुन्दर रचना
बहुत बहुत बधाई

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

har pankti sarthak sandesh dene me saksham.
ati sundar!

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

महेन्‍द्र जी, बहुत बडी बात कह दी आपने। हार्दिक शुभकामनाएं।

---------
मिल गया खुशियों का ठिकाना।

Rahul Singh said...

इंसान और इंसानियत की चर्चा, अच्‍छा सत्‍संग है.

संजय भास्‍कर said...

नये साल की हार्दीक शुभकामनाए..

ज्योति सिंह said...

सृजन का संकल्प लें,
निर्माण की बातें करें।
कामनाएं शुभ करें,
कल्याण की बातें करें।
uttam vichar ,mahatavpoorn rachna ,yahi vichardhara honi chahiye ,sundar ,nav barsh ki hardik shubhkamnaye aapko .

M VERMA said...

सुन्दर और प्रभावशाली आह्वान
सुन्दर रचना

Unknown said...

आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की अनंत मंगलकामनाएं

नीरज गोस्वामी said...

लाजवाब रचना है आपकी...आपकी सोच को नमन...

नीरज

girish pankaj said...

vaah varma ji, aap to pados k hi hai. aap bhi sundar likhate hai. sargarbhit bhi shubhkamnaye aapko...

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

बाऊ जी,
नमस्ते!
कविता प्रेरित करती है.
लेकिन जो इसे अनूठा बनाती हैं, वो हैं अंतिम पंक्तियाँ. बेजोड़:
बात तो करते रहे हैं,
हम सदा भगवान की,
अब चलो ऐसा करें,
इंसान की बातें करें।
न्यू ईअर में मेरे अलावा, होप, हैल्थ एंड हैप्पीनेस आपके रफ़ीक रहें!
आशीष
---
हमहूँ छोड़ के सारी दुनिया पागल!!!

Kunwar Kusumesh said...

अनुकरण उनका करें जो,
विश्व के आदर्श हैं,
न्याय के पथ पर चलें,
ईमान की बातें करें।

नए वर्ष के शुभागमन पर सुन्दर और सही संकल्प

mark rai said...

बात तो करते रहे हैं,
हम सदा भगवान की,
अब चलो ऐसा करें,
इंसान की बातें करें....
bahut khubsoorat....new year ki pahli rachna lajwaab...

स्वाति said...

जन्म लेता है उजाला,
हर तमस के गर्भ से,
क्यों नही तब आज स्वर्ण-
विहान की बातें करें।
wah wah....bahut achha

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

बात तो करते रहे हैं,
हम सदा भगवान की,
अब चलो ऐसा करें,
इंसान की बातें करें।

नव वर्ष की प्रथम रचना में आपने सबकी आँखों में वह सपना डाल दिया है जिसे देखने के लिए मानवता कब से बेचैन थी !
बहुत ही सुन्दर भाव !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ

Patali-The-Village said...

सुन्दर और प्रभावशाली आह्वान| धन्यवाद|

POOJA... said...

वाह... बहुत खूब... सच्ची एवं अच्छी पंक्तियाँ...

Satish Saxena said...


सुबह सुबह आनंद आ गया , लगता है किसी झरने का आनंद ले रहा हूँ ....
ऐसी सरल धाराप्रवाह रचना अपना निश्चित प्रवाह छोडती है ! शुभकामनायें महेंद्र भाई !

पूनम श्रीवास्तव said...

nav -varshh par likhi aapki pratham post hriday -grahi hai,sir.

हृदय में हो नेहपूरित-
भावना सबके लिए,
यों परस्पर मान की,
सम्मान की बातें करें
bahut bahutbadhi nav varshh me kuchh naye sankalp ke saath.
poonam

Anonymous said...

बहुत सुंदर वर्मा जी - रचना पढवाने के लिए आभार तथा नव वर्ष की मंगल कामना