फागुनी दोहे



फागुन आता देखकर, उपवन हुआ निहाल,
अपने तन पर लेपता, केसर और गुलाल।

तन हो गया पलाश-सा, मन महुए का फूल,
फिर फगवा की धूम है, फिर रंगों की धूल।

मादक महुआ मंजरी, महका मंद समीर,
भँवरे झूमे फूल पर, मन हो गया अधीर।

ढोल मंजीरे बज रहे, उड़े अबीर गुलाल,
रंगों ने ऊधम किया, बहकी सबकी चाल।

कोयल कूके कान्हड़ा, भँवरे भैरव राग,
गली-गली में गूँजता, एक ताल में फाग।

नैनों की पिचकारियाँ, भावों के हैं रंग,
नटखट फागुन कर रहा, अंतरमन को तंग।

रंगों की बारिश हुई, आँधी चली गुलाल,
मन भर होली खेलिए, मन न रहे मलाल।

उजली-उजली रात में, किसने गाया फाग,
चाँद छुपाता फिर रहा, अपने तन के दाग।

नेह-आस-विश्वास से, हुए कलुष सब दूर,
भीगे तन-मन-आत्मा, होली का दस्तूर।
                                                                      

सभी मित्रों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं ! 


                                                                   -महेन्द्र वर्मा

44 comments:

रविकर said...

मादक महुआ मंजरी, महका मंद समीर,
भँवरे झूमे फूल पर, मन हो गया अधीर।|

नेह-आस-विश्वास से, हुए कलुष सब दूर,
भीगे तन-मन-आत्मा, होली का दस्तूर।|

बहुत बहुत बधाई -
शुभकामनायें ||

Rajesh Kumari said...

vaah jitni bhi tareef ki jaaye is holi ke in doho ki kum hai behtreen rachna.

ashish said...

होली के रंग में रंगी पक्तियां . अति सुन्दर . होली की अग्रिम बधाई .

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

मस्त हैं होली के दोहे, सुंदरतम मन को मोहे

संध्या शर्मा said...

नेह-आस-विश्वास से, हुए कलुष सब दूर,
भीगे तन-मन-आत्मा, होली का दस्तूर।
बहुत सुंदर फागुनी दोहे... होली की अग्रिम शुभकामनाएं...

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बहुत सुंदर दोहे....शुभकामनायें

virendra sharma said...

कोयल कूके कान्हड़ा, भँवरे भैरव राग,
गली-गली में गूँजता, एक ताल में फाग।
बहुत खूब .रंगों की काव्यात्मक बरसात ले आई होरी ...

Jeevan Pushp said...

बहुत सुन्दर उमंग भरते दोहे !
आभार !

Ramakant Singh said...

नैनों की पिचकारियाँ, भावों के हैं रंग,
नटखट फागुन कर रहा, अंतरमन को तंग।
begining to end each and every DOHA
SUPERB.

virendra sharma said...

होरी के रंग दोहों के संग ....शुक्रिया द्रुत टिपण्णी के लिए ...

दिगम्बर नासवा said...

ढोल मंजीरे बज रहे, उड़े अबीर गुलाल,
रंगों ने ऊधम किया, बहकी सबकी चाल ..

वाह .. हर दोहा होली के नए रंग में भिगो गया ... लाजवाब दोहे ...

vandana gupta said...

होली के रंगो मे सराबोर फ़ागुनी दोहे बेहद शानदार है

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

नैनों की पिचकारियाँ, भावों के हैं रंग,
नटखट फागुन कर रहा, अंतरमन को तंग।

सभी दोहे बहुत सुंदर ...

Vandana Ramasingh said...

फागुन आता देखकर, उपवन हुआ निहाल,
अपने तन पर लेपता, केसर और गुलाल।

उपवन का तन पर केसर और गुलाल लेपना ....!!!!! विशेष लगा

नेह-आस-विश्वास से, हुए कलुष सब दूर,
भीगे तन-मन-आत्मा, होली का दस्तूर।|

होली पर बहुत बहुत शुभकामनाएं

Rahul Singh said...

अब तो फागुन में आपके दोहों का इंतजार रहता है, मनभावन.

जयकृष्ण राय तुषार said...

भाई महेंद्र जी अद्भुत दोहे |होली की सपरिवार शुभकामनायें |

Asha Lata Saxena said...

बहुत अच्छे लगे फागुनी रंग में पेगे दोहे |होली के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं |
आशा

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

आपने तो भिगो दिया... रंग गए हम इन दोहों के रंग में!!

दर्शन कौर धनोय said...

रंग और उमंग का ये होली त्यौहार हैं ...
खेलते हैं होली अबीर और गुलाल हैं ....

रश्मि प्रभा... said...

रंगों की बारिश हुई, आँधी चले गुलाल,
मन भर होली खेलिए, मन न रहे मलाल।
....होली की शुभकामनाएं..

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

वाह!
आपके इस प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 05-03-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ

रेखा said...

होली के सुन्दर रंगों से सजे हुए सुन्दर दोहे ....

dinesh gautam said...

‘‘तन हो गया पलाश सा मन महुए का फूल’’ - वाह क्या अभिव्यक्ति है ... फागुन पर इन दोहों ने सचमुच वासंती चित्र खींच दिए...

dinesh gautam said...
This comment has been removed by the author.
Amrita Tanmay said...

रंगों की पिचकारी..नहीं..नहीं आपकी कलम की पिचकारी भिंगो रही है..बहुत सुन्दर दोहे हैं..

Anju (Anu) Chaudhary said...

होली की बहुत बहुत शुभकामनये

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत प्यारे रंगबिरंगे दोहे...

आपको होली की अनेकों शुभकामनाएँ.
सादर.

शिखा कौशिक said...

sabhi dohe rangeele hain .SARTHAK PRASTUTI HETU BADHAI . ye hai mission london olympic

संजय @ मो सम कौन... said...

सच में फ़ागुनी दोहे..।
आपको भी होली की शुभकामनायें।

उपेन्द्र नाथ said...

फागुन और होली के रंगों से सराबोर बेहतरीन प्रस्तुति.
.
क्या सिलेंडर भी एक्सपायर होते है ?

amrendra "amar" said...

bahut sunder prarstuti
aapko bhi Holi ki hardik shubkamanye

मनोज कुमार said...

अहा!
फागुन और होली पर इससे बढिया और कुछ हो नहीं सकता।

ऋता शेखर 'मधु' said...

सभी दोहे एक से बढ़कर एक...
होली की शुभकामनाएँ!

mark rai said...

होली पर बहुत बहुत शुभकामनाएं

Bharat Bhushan said...

कोयल कूके कान्हड़ा, भँवरे भैरव राग,
गली-गली में गूँजता, एक ताल में फाग।
भई वाह!! इन होली के दोहों ने साबित कर दिया है कि दोहों की परंपरा में आपका जवाब नहीं. एक से बढ़ कर एक.

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

.


बहुत सुंदर दोहे लिखे हैं … बधाई !

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**
~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
*****************************************************************
♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥



आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
*****************************************************************
~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**

ZEAL said...

आज बिरज में होरी रे रसिया --होरी रे, होरी रे , बरजोरी रे रसिया---Happy Holi----

Kunwar Kusumesh said...

Happy Holi

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

उजली-उजली रात में, किसने गाया फाग,
चाँद छुपाता फिर रहा, अपने तन के दाग।
वाह ! बहुत खूब !
दोहे पढ़कर मन फागुन फागुन हो गया !
आपको सपरिवार रंगोत्सव की ढेरों शुभकामनाएँ !

प्रतिभा सक्सेना said...

'नेह-आस-विश्वास से, हुए कलुष सब दूर,
भीगे तन-मन-आत्मा, होली का दस्तूर।'
- कितना कल्याणकारी दस्तूर .
धन्य है कवि का मन जो इसकी कामना करता है !
शुभकामनायें !

दीपिका रानी said...

होली तो हो ली, मगर आपके दोहे मौसम को रंगीन बनाए रखेंगे देर तक..

Naveen Mani Tripathi said...

bahut sundar aur man ke andar tk prabhavit karane wale dohe .....badhai verma ji

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) said...

हर दोहा है फागुनी , नपा तुला हर रंग
फागुन जो पढ़ ले इन्हें, रह जायेगा दंग.