अब दीवाली आई






जगमग हर घर-द्वार  कि अब दीवाली आई,
पुलकित  है  संसार  कि  अब  दीवाली आई।


दुनिया के  कोने-कोने  में  दीप  जले हैं, 
डरता है अंधियार कि अब दीवाली आई।


गीत प्यार के गीत मिलन के गीत ख़ुशी के, 
गाओ  मेरे   यार   कि  अब   दीवाली  आई।


जी भर जी लो गले लगालो सबको हंसकर,
जीवन के  दिन  चार  कि अब दीवाली आई।


दुनिया से  अब  द्वेष  मिटाकर ही दम लेंगे,
दिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।


सुख समृद्धि स्वास्थ्य संपदा मिले सभी को,
यही  कामना   चार  कि   अब दीवाली आई।


धरती  सागर  जंगल सरिता गगन पवन पर,
हो सबका  अधिकार कि  अब  दीवाली आई।


खुद  भी  जियो   और   दूसरों को जीने दो,
जीवन  का यह सार कि अब  दीवाली  आई।


मेहनत से धन खूब कमाओ भ्रष्ट बनो मत,
लक्ष्मी  कहे  पुकार   कि  अब  दीवाली आई।


जीवन के इस महा समर में दुआ करें हम,
हो न किसी की हार कि अब दीवाली आई।


अक्षत  रोली  और  मिठाई  ले  आया  हूं,
स्वीकारो  उपहार  कि अब दीवाली  आई।

दीपावली की अशेष शुभकामनाओं के साथ...

                                       -महेन्द्र वर्मा

30 comments:

संजय भास्‍कर said...

आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं ...

sandhyagupta said...
This comment has been removed by the author.
sandhyagupta said...

Blogger sandhyagupta said...

सुख समृद्धि स्वास्थ्य संपदा मिले सभी को,
यही कामना चार कि अब दीवाली आई।

आमीन.
आपको भी सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.

आशीष मिश्रा said...

बहोत ही अच्छी कविता
आप को भी सपरिवार दिपोत्सव की ढेरों शुभकामनाएँ

ZEAL said...

.

धरती सागर जंगल सरिता गगन पवन पर,
हो सबका अधिकार कि अब दीवाली आई।....

--------

महेंद्र जी,

बेहद उम्दा ग़ज़ल ।

हर चीज़ पर हो सभी का समान अधिकार, बस यही हो कामना हमारी ।

.

उपेन्द्र नाथ said...

दीपावली पर बेहतरीन ग़ज़ल .........इस दीपावली के शुभ अवसर पर आपको भी सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें

Kailash Sharma said...

जीवन के इस महा समर में दुआ करें हम,
हो न किसी की हार कि अब दीवाली आई।

Deepawali par bahut bhavpurn aur sundar prastuti..Deepawali ki haardik shubh kaamnayen..

जितेन्द्र ‘जौहर’ Jitendra Jauhar said...

धरती सागर जंगल सरिता गगन पवन पर,
हो सबका अधिकार कि अब दीवाली आई।

वाह...! क्या समाजवाद है! इस अत्यंन्त सुन्दर ग़ज़ल पर हार्दिक बधाई!

आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की अनंत आत्मीय हार्दिक शुभकामनाएँ!

Deepak chaubey said...

दीपावली के इस पावन पर्व पर आप सभी को सहृदय ढेर सारी शुभकामनाएं

Sunil Kumar said...

मेहनत से धन खूब कमाओ भ्रष्ट बनो मत,
लक्ष्मी कहे पुकार कि अब दीवाली आई।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ

abhi said...

काश आपकी ये बातें लोग मान जाएँ...कितनी खूबसूरत हो जायेगी दुनिया :)

हैप्पी दिवाली सर :)

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

बहुत ही सुन्दर भाव और बेहतरीन रचना है ...
आपको और आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनायें ...

निर्मला कपिला said...

दुनिया से अब द्वेष मिटाकर ही दम लेंगे,
दिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।


सुख समृद्धि स्वास्थ्य संपदा मिले सभी को,
यही कामना चार कि अब दीवाली आई।

बहुत अच्छी लगी गज़ल । आपको सप्रिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।

डॉ. मोनिका शर्मा said...

दुनिया से अब द्वेष मिटाकर ही दम लेंगे,
दिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।

सुंदर अभिव्यक्ति........ सार्थक सन्देश
दिवाली हार्दिक शुभकामनाये....

मनोज कुमार said...

बहुत सुंदर।
चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

महेंद्र जी! एक प्रेरणादयक संदेश बिखेरती यह ग़ज़ल वास्तव में गीत है... एक समूह गान इस पावन पर्व पर... बहुत सुंदर!!

ASHOK BAJAJ said...

'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय ' यानी कि असत्य की ओर नहीं सत्‍य की ओर, अंधकार नहीं प्रकाश की ओर, मृत्यु नहीं अमृतत्व की ओर बढ़ो ।

दीप-पर्व की आपको ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं ! आपका - अशोक बजाज रायपुर

Chaitanyaa Sharma said...

आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें...सादर

Asha Joglekar said...

जी भर जी लो गले लगालो सबको हंसकर,
जीवन के दिन चार कि अब दीवाली आई।


दुनिया से अब द्वेष मिटाकर ही दम लेंगे,
दिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।


सुख समृद्धि स्वास्थ्य संपदा मिले सभी को,
यही कामना चार कि अब दीवाली आई।



Bahut sunder sandesh detee hai ye aapkee Diwali special gazal.
Aapko pariwar sahit anek shubh kamnaen.

Asha Joglekar said...

जी भर जी लो गले लगालो सबको हंसकर,
जीवन के दिन चार कि अब दीवाली आई।


दुनिया से अब द्वेष मिटाकर ही दम लेंगे,
दिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।


सुख समृद्धि स्वास्थ्य संपदा मिले सभी को,
यही कामना चार कि अब दीवाली आई।



Bahut sunder sandesh detee hai ye aapkee Diwali special gazal.
Aapko pariwar sahit anek shubh kamnaen.

Bharat Bhushan said...

रचना बहुत पसंद आई. दीपावली की आपको शुभकामनाएँ और शुभभावनाएँ

Majaal said...

मनमोहक रचना ....
आपको व आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ...

अजय कुमार said...

प्रदूषण मुक्त दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

उस्ताद जी said...

6/10

दुनिया से अब द्वेष मिटाकर ही दम लेंगे,
दिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।

प्रकाश पर्व पर बहुत सुन्दर रचना !
रचना के माध्यम से आपने जो उदगार व्यक्त किये,
वो पठनीय हैं...त्यौहार का वास्तविक महत्व समझाते हैं

Dorothy said...

इस ज्योति पर्व का उजास
जगमगाता रहे आप में जीवन भर
दीपमालिका की अनगिन पांती
आलोकित करे पथ आपका पल पल
मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
सुख समृद्धि शांति उल्लास की
आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर

आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.

VIJAY KUMAR VERMA said...

दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

RockStar said...

wish u a happy diwali and happy new year

BrijmohanShrivastava said...

आप को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
मैं आपके -शारीरिक स्वास्थ्य तथा खुशहाली की कामना करता हूँ

manu said...

मेहनत से धन खूब कमाओ भ्रष्ट बनो मत..

क्या कहा है जनाब...

कितनी मुश्किल...बल्कि असंभव सी बात को कितने आसानी से कह गए आप...

:)

दिवाली मुबारक...

हरकीरत ' हीर' said...

मेहनत से धन खूब कमाओ भ्रष्ट बनो मत,
लक्ष्मी कहे पुकार कि अब दीवाली आई।


जीवन के इस महा समर में दुआ करें हम,
हो न किसी की हार कि अब दीवाली आई।

बहुत ही नेक ख्यालात इस पावन पर्व पर ......!!